पटना: एलजेपी (LJP) के संस्थापक रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) की कल पहली बरसी मनाई जानी है. बरसी को लेकर तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है. इधर, बरसी से पहले रामविलास पासवान को लेकर तरह-तरह की मांगें उठ रही हैं. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) और रामविलास पासवान के भाई पशुपति पारस (Pashupati Paras) ने नेता की मूर्ति लगाने समेत कई अन्य मांग की है. अब इन नेताओं में सुशील मोदी (Sushil Modi) का भी नाम जुड़ गया है. उन्होंने भी शनिवार को ट्वीट कर दिवंगत नेता रामविलास पासवान की मूर्ति लगाने की मांग की है.
दलितों को आगे बढ़ाने के लिए संघर्ष किया
उन्होंने कहा, " पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने बिहार के विकास और राष्ट्रीय राजनीति में जो बड़ी भूमिका निभायी, उसे देखते हुए पटना में उनकी प्रतिमा लगनी चाहिए. उन्होंने दलितों को आगे बढ़ाने के लिए लगातार संघर्ष किया, लेकिन कभी नफरत की राजनीति नहीं की. उनकी जयंती पर राजकीय समारोह होना चाहिए."
राज्यसभा सांसद ने कहा, " रामविलास पासवान एनडीए राजनीति के प्रमुख शिल्पी थे. उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी और नरेंद्र भाई मोदी की यशस्वी सरकारों में रह कर देश की सेवा की. रेल मंत्री के रूप में उनके योगदान को बिहार कभी नहीं भूल सकता."
राजनीति नहीं होनी चाहिए
सुशील मोदी ने कहा, " 1977 में आपातकाल हटने के बाद पहले संसदीय चुनाव में रामविलास पासवान ने सबसे ज्यादा मतों के अंतर से जीतने का रिकार्ड बनाया था. ऐसे लोकप्रिय नेता की पहली बरसी पर सभी दलों और वर्गों के लोग उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे. इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए."
इधर, छोटे भाई की बरसी में शामिल होने पहुंचे केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने कहा, " बड़े भैया और छोटे भाई नहीं रहे यह बेहद दुखद है. तेजस्वी यादव ने जो मांग की है, वो मैं शुरू से करता रहा हूं. रामविलास पासवान को भारत रत्न की उपाधि मिलनी चाहिए. मेरी ये मांग है कि हाजीपुर में रामविलास पासवान की आदमकद प्रतिमा लगे और 1, व्हीलर रोड स्थित कार्यालय को राष्ट्रीय स्मारक घोषित किया जाए. इस संबंध में मैंने सीएम नीतीश को पत्र भी लिखा है और आग्रह किया है.
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