रघुवंश सिंह के निधन पर इमोशनल हुए तेजस्वी यादव, कहा- उनके रहते कभी पापा की कमी नहीं हुई महसूस
तेजस्वी यादव ने कहा कि मुझे याद है कि सरकार जब बदली और नीतीश कुमार ने इस्तीफा दिया था. इस्तीफे के बाद जब सीबीआई, ईडी, इनकम टैक्स का रेड पड़ा था तो सबसे पहले रघुवंश बाबू ने आकर हौसला बढ़ाया था.
पटना: आरजेडी के कद्दावर नेता रघुवंश प्रसाद सिंह के निधन के बाद सूबे के राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर है. खास कर आरजेडी नेता रघुवंश बाबू के निधन से काफी दुखी हैं. उनकी मौत से दुखी नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा आदरणीय रघुवंश बाबू हम सबों के अभिभावक रहे और पार्टी के एक मजबूत स्तंभ उनकी पहचान थी. वो समाजवादी और गरीबों की आवाज उठाने वाले नेता थे. खास तौर पर मेरे पिता से जो उनका संबंध रहा, पिता के नहीं रहने के बाद भी उनके मार्गदर्शन में, हम कभी भी अपने आप को अकेला नहीं समझते थे. आज उनके निधन की खबर सुनकर सभी मर्माहत हैं, कोई शब्द नहीं है कि हम उनकी व्याख्या कर सके.
हम सभी उनके वापस आने की कामना करते थे
उन्होंने कहा कि लेकिन लंबे समय से कोरोना पॉजिटिव होने के बाद उन्हें निमोनिया की भी शिकायत थी, जब पटना एम्स में भर्ती हुए थे तो हमारी बात हुई और हमारी बात वहां के डॉक्टरों से भी हुई थी. हम सभी उनके जल्दी स्वस्थ होकर वापस आने की कामना करते थे, फिर आननफानन में जब दिल्ली गए और जिस दिन दिल्ली एम्स में एडमिट हुए फोन पर हमारी उनसे बात हुई थी.
हमें अकेला करके चले गए
तेजस्वी यादव ने बताया कि वो पूरी बॉडी का चेकअप कराने गए थे और टेस्ट रिपोर्ट आना था. चंद दिनों पहले मैं खासतौर पर दिल्ली उनसे मिलने गया था और हमारी मुलाकात भी हुई थी. मैंने उनसे यहीं कहा था कि आप जल्द स्वास्थ होकर वापस आएं. उन्होंने भी यह कहा कि हम जल्द स्वास्थ्य होकर आएंगे. लेकिन वो हमें बिल्कुल ही अकेला कर चले गए.
रघुवंश प्रसाद सिंह को थी लंग्स कैंसर की समस्या
उन्होंने कहा कि हमलोगों को यह उम्मीद नहीं थी कि इतनी जल्दी ये खबर आएगी. हालांकि हमारी उनके डॉक्टरों से लगातार बातचीत होती रहती थी. मुझे वहां के डॉक्टरों ने बताया कि उन्हें लंग्स कैंसर की समस्या रही है. ये बात हमें पता थी लेकिन ये मैसेज पब्लिक में न जाए चूंकि इलाज चल रहा था. इसलिए हमलोग ने इसकी चर्चा कहीं नहीं की. हमारा फर्ज था कि उनसे मिले वो ऊर्जा के केंद्र रहे और कभी भी हमारा जो रिश्ता है वह कायम रहे.
हमेशा हमारा हौसला बढ़ाते थे
तेजस्वी यादव ने कहा " इस मुश्किल घड़ी में जब हमारे पिता हमारे साथ शारिरिक रूप से नहीं रहे तो उन्होंने हमेशा ऊर्जा देने और मनोबल बढ़ाने का काम. मुझे याद है कि सरकार जब बदली और नीतीश कुमार ने इस्तीफा देने का काम किया था, इस्तीफे के बाद सीबीआई, ईडी, इनकम टैक्स का जब रेड पड़ा था तो सबसे पहले रघुवंश बाबू ने आकर हौसला बढ़ाया था."
हमें नहीं थी यह उम्मीद
उन्होंने बताया कि उस समय लालू जी रांची कोर्ट के ट्रायल में थे. लेकिन उनके रहते कभी भी ऐसा नहीं लगा कि हमलोग अकेले थे और हमलोगों को एम्स के चर्चा से ऐसा नहीं लग रहा था कि ये स्थिति आएगी. बड़ा हौसला दिल्ली एम्स में उन्होंने बुलंद किया और सभी जानते हैं कि उनका राजनीतिक सफर बड़ा लंबा और एक प्रखर समाजवादी नेता के रूप में रहा है.
हम उनके परिवार के साथ हैं खड़े
तेजस्वी यादव ने कहा, " जब मेरी उनके पुत्र से भी बात हुई और पता चला कि वो अब नहीं रहे तो मुझे यकीन नहीं हो रहा था. उनके पुत्र प्रकाश जी से हमारी बात हुई है और इस बात को लेकर सभी मर्माहत हैं. हम चाहेंगे कि उनकी आत्मा को शांति मिले ओर इस दुख की घड़ी में हम उनके परिजनों के साथ मजबूती के साथ खड़े रहे और जो रघुवंश जी का सपना था उसको आगे ले जाने का काम करें.