कोरोना संक्रमित पति की मौत के बाद रिश्तेदारों ने फेरा मुंह, पत्नी ने खुद PPE किट पहनकर दी मुखाग्नि
समस्तीपुर के अंगार घाट के पास खानपुर के रहने वाले हरिकांत राय गांव में हो रहे अष्टजाम में जाने के बाद संक्रमित हो गए थे. इसके बाद ग्रामीणों ने गांव से बाहर निकाल दिया. महिला ने रिश्तेदारों से मदद मांगी लेकिन सबने मना कर दिया. इसके बाद उसने खुद ही डीएमसीएच में भर्ती कराया था.
दरभंगा: बिहार के दरंभगा जिले में कोरोना पॉजिटिव शख्स के मरने के बाद जब नाते-रिश्तेदारों ने मुंह फेर लिया तो एक पत्नी ने खुद ही पीपीई किट पहनकर अपने पति का अंतिम संस्कार कर दिया. उसने खुद ही मुखाग्नि भी दी. इस मामले के बाद महिला मीना देवी की हर तरफ इस बात की मिसाल दी जा रही है.
दरअसल, समस्तीपुर के अंगार घाट के पास खानपुर के रहने वाले हरिकांत राय गांव में हो रहे अष्टजाम में जाने के बाद संक्रमित हो गए थे. इसके चार दिन बाद ही गांव के लोगों ने गांव से निकाल दिया. महिला ने नाते-रिश्तेदारों से मदद मांगी लेकिन किसी ने कोई मदद नहीं की. छोटे बच्चों को भी रखने से मना कर दिया.
शुक्रवार की रात ही पति ने तोड़ दिया था दम
इसके बाद महिला समस्तीपुर के रोसड़ा पहुंची अपनी बहन के यहां लेकिन यहां भी निराशा हाथ लगा. उसने पति को किसी तरह सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया. बीते गुरुवार को बेहतर इलाज के लिए दरभंगा के दरभंगा मेडिकल कॉलेज (डीएमसीएच) ले आई. यहां शुक्रवार की रात उसके पति ने दम तोड़ दिया.
22 घंटे तक अस्पताल में पड़ा रहा पति का शव
जब अस्पताल प्रशासन ने शव को ले जाने के लिए सौंपा तो घर के लोगों से लेकर गांव वालों से अंत्येष्टि करने की गुहार लगाई लेकिन सबने मना कर दिया. पति को मरे जब 22 घंटे बीत गए और अस्पताल से शव ले जाने के लिए दबाव बनने लगा तो महिला ने खुद ही अंत्येष्टि कर मुखाग्नि देने का प्रण कर लिया.
पति के शव को लेकर शानिवार की देर शाम एंबुलेंस से दरभंगा के भिगो में स्थित श्मशान घाट मुक्तिधाम पहुंच गई. कबीर सेवा संस्थान की ओर से वैसे शवों को जलाया जाता है जिनकी मृत्यु कोरोना से होती है. यहां संस्था के लोगों से लाश जलाने में मदद मांगी और संस्था से अंत्येष्टि के लिए सारे सामान को लेकर पति को अकेले ही मुखाग्नि दी.
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