पटना: बिहार की राजनीति में शनिवार को एक ऐसी घटना घटी जो आज तक नहीं घटी थी और ना ही किसी ने ऐसी कल्पना की होगी कि ऐसा भी हो सकता है. दअरसल, सीट बंटवारे से नाराज वीआईपी सुप्रीमो मुकेश साहनी ने महागठबंधन से किनारा कर लिया है. लेकिन जिस तरह से उन्होंने महागठबंधन से अलग होने की घोषणा की उससे सूबे का राजनीतिक पारा चढ़ गया है.
मुकेश साहनी ने कही यह बात
इधर, बगावत के बाद मुकेश ने तेजस्वी और महागठबंधन के डीएनए पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि मेरे साथ धोखा नहीं हुआ है, बल्कि बाकायदा मेरे पीठ में खंजर घोंपा गया है. मैं आज 11 बजे से 6 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस शुरू होने तक तेजस्वी के साथ था, 25 सीट और उपमुख्यमंत्री बनाने की बात थी, लेकिन अंतिम समय वो पलट गए. दरअसल, उनके डीएनए में ही गड़बड़ी है. उनकी नहीं पूरे महागठबंधन के डीएनए में गड़बड़ी है.
तेजस्वी ने कही थी यह बात
बता दें कि सीट बंटवारे की घोषणा के लिए बुलाए गए बैठक के दौरान तेजस्वी ने सीएम नीतीश पर हमला बोलते हुए उनके डीएनए पर सवाल उठाया था. उन्होंने कहा कि हम ठेंठ बिहारी हैं जो वादा करते हैं, वो पूरा भी करते हैं. और मेरा डीएनए भी बहुत शुद्ध है. मौजूदा सरकार की स्थिति जल जमने के बाद जैसे कीचड़ और काई जमती है वैसी ही है. बिहार को शुद्ध जल का ऑप्शन चाहिए वही देने का हमलोग काम करेंगे. बिहार की जनता बदलाव चाहती है. सीएम नीतीश ने तो कुर्सी की प्यार में बिहार को अनस्टेबल कर दिया.
लेकिन महागठबंधन से अलग होने के तुरंत बाद मुकेश साहनी ने तेजस्वी के ही डीएनए पर सवाल उठा दिया है. बहरहाल कयासों का बाजार गर्म है, सभी ओर यह चर्चा हो रही है कि महागठबंधन से अलग होकर कहां जाएंगे या उनका अगला स्टेप क्या होगा?