Bihar News: 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में वक्त जरूर है लेकिन, तैयारी शुरू हो गई है. सबसे बड़ी बात है कि नई पार्टियों की एंट्री हो रही है. पहले प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) की जन सुराज पार्टी (Jan Suraaj Party) और अब आरसीपी सिंह (RCP Singh) की 'आसा' (ASA) पार्टी मैदान में उतरने के लिए तैयार है. दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन (INDIA Alliance) और एनडीए (NDA) तो मैदान में मुख्य रूप से है ही. इस बीच सबसे बड़ी बात जो सामने आई है वह यह है कि आरसीपी सिंह का एजेंडा चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर से मैच कर रहा है. ये दोनों सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) को सीधे तौर पर टेंशन दे सकते हैं.
दरअसल, प्रशांत किशोर ने पार्टी गठन करने से पहले ही ऐलान कर दिया था कि 2025 में अगर हमारी सरकार बनेगी तो सबसे पहला काम बिहार में शराबबंदी कानून को खत्म करना होगा. अब आरसीपी सिंह ने भी पार्टी की घोषणा के साथ ही एक तरह से शराबबंदी खत्म करने की बात कह दी है. उन्होंने इस पर खुलकर नहीं कहा, लेकिन शराबबंदी का विरोध किया है.
गुरुवार (31 अक्टूबर) को पार्टी की घोषणा करते हुए उन्होंने साफ कहा कि किसी के खान-पान पर आप रोक नहीं लगा सकते हैं. हम लोग शराब रोकने के लिए जन-जागरण का कार्यक्रम करेंगे. शराबबंदी से सरकार को कई हजार करोड़ का नुकसान है. शराबबंदी कानून में सुधार की आवश्यकता है. हमने पहले भी कहा है और आज भी कह रहा हूं.
2025 के चुनाव में शराबबंदी होगा मुद्दा?
आरसीपी सिंह के शराबबंदी वाले बयान से यह साफ हो गया है कि निश्चित तौर पर 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में शराबबंदी कानून का एक बड़ा मुद्दा बन सकता है. इसके साथ ही जो सबसे बड़ा सवाल है वह यह है कि क्या इस मुद्दे से प्रशांत किशोर और आरसीपी सिंह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चुनावी मैदान में पटखनी दे सकते हैं?
बिहार की राजनीति की समझ रखने वाले और वरिष्ठ पत्रकार संतोष कुमार ने कहा कि पहले प्रशांत किशोर और अब आरसीपी सिंह ने शराबबंदी का मुद्दा उठाया है. हालांकि इससे नीतीश कुमार को कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है. 2016 में शराबबंदी लागू हुई थी. उसके बाद 2019 में लोकसभा का चुनाव हुए. 2020 में बिहार विधानसभा का चुनाव हुआ. ऐसे में नीतीश कुमार का जो वोट बैंक है 13 से 14% उसमें कोई कमी नहीं आई है.
'वोट बैंक को डैमेज कर सकते हैं आरसीपी सिंह'
संतोष कुमार ने कहा कि शराबबंदी कानून महिलाओं की नजर में अच्छा है. बिहार में अवैध तरीके से शराब बिक रही है लेकिन लोगों में शराबबंदी कानून का डर भी है. ऐसे में इस मुद्दे का कोई असर चुनाव में नहीं पड़ने वाला है. यह अलग बात है कि आरसीपी सिंह जेडीयू के संगठन में काफी समय तक अहम भूमिका में रहे हैं. सभी जिलों में उनकी पहचान है. उन्होंने कल (31 अक्टूबर, 2024) 140 सीटों पर उम्मीदवार तैयार रहने का दावा किया है तो वह नीतीश कुमार के वोट बैंक को कुछ डैमेज कर सकते हैं.
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