मुजफ्फरपुर: अग्निपथ योजना (Agnipath Scheme) को लेकर देश भर में मचे बवाल और हिंसा मामले पर बिहार सरकार (Bihar Govt) के मंत्री और बीजेपी नेता रामसूरत राय (Minister Ramsurat Rai) ने कहा कि सेना अभ्यर्थियों के आंदोलन के पीछे आतंकवादियों का हाथ है. गुंडों और आतंकवादियों (Terrorists) ने इस पूरे आंदोलन को हाईजैक कर लिया है. वहीं, कांग्रेस पर निशाना साधते हुए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री ने कहा विरोधियों को न ही कोई दिमाग है और न चश्मा. कुछ लोग अग्निपथ योजना को लेकर युवाओं को बरगला रहे हैं. योग दिवस (Yoga Day) के मौके पर मुजफ्फरपुर में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा है कि अग्निपथ योजना सभी नौजवानों के लिए सुनहरा मौका है और इसे भुनाने की आवश्यकता है. इसमें संशोधन हुआ है और आगे भी होता रहेगा. उन्होंने कहा कि आंदोलन और हिंसा करना देशहित में नहीं है.
रामसूरत राय ने कहा कि यह आंदोलन अब जब शुरू हुआ था उस समय इसमे सिर्फ सेना अभ्यर्थी थे, लेकिन अब अभ्यर्थी इसमें से हट गए हैं, क्योंकि वे भी इस योजना को समझ चुके हैं. अब इसमे आतंकवादी और गुंडे शामिल हो गए हैं. इन्होंने ही उन बच्चों को अब हायर कर लिया है. इसमें अब राजनीतिक गुंडे लगे हुए हैं और वे लोग अपनी राजनीति रोटी सेंक रहे हैं. उन्हें देश या छात्रों के भविष्य से कोई मतलब नहीं है. इस कानून के बदलाव और संशोधन को लेकर कहा कि कानून बनता ही है संशोधन होने के लिए और यह एक मिशन है, जो कभी फेल नहीं होगा. उन्होंने छात्रों से अपील की है कि वे कुछ तुच्छ लोगों की बातों में आकर अपना करियर बर्बाद नहीं करें. वे दिग्भर्मित नहीं हों और कुछ राजनीतिक दल इस मिशन को फेल करने में लगे हुए है लेकिन यह ऐसा कभी नहीं होगा ये देश का मिशन है नौजवान इसे समझे और पढ़े.
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उपद्रव के बाद अलर्ट हुई सरकार
बता दें कि अग्निपथ योजना को लेकर बिहार समेत पूरे देश में सेना अभ्यर्थियों और युवाओं ने जमकर उपद्रव किया. इस दौरान कई ट्रेनों को आग के हवाले कर दिया गया. इससे सैकड़ों ट्रेनों के परिचालन पर असर पड़ा. बिहार में प्रदर्शनकारियों ने बीजेपी नेताओं और पार्टी कार्यालय को भी निशाना बनाया. सूबे की उपमुख्यमंत्री रेणु देवी और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल के घर को निशाना बनाया गया और कई जिलों में पार्टी दफ्तर में तोड़फोड़ की गई. एजेंसियों से मिले अलर्ट के बाद सरकार ने बिहार के 20 जिलों में इंटरनेट बंद कर दिया. हालांकि, पुलिस-प्रशासन के सख्ती के बाद मामला अब शांत पड़ रहा है.
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