गयाः बिहार के गया के राजेंद्र आश्रम स्थित साइबर कैफे से 13 सितंबर 2017 को अनुराग बसु ने आतंकी तौसीफ पठान को पकड़ कर सिविल लाइंस थाने की पुलिस को सौंपा था. उसके बाद उसकी निशानदेही पर ही डोभी के करमौनी से दूसरे आतंकी सने अली खान को गिरफ्तार किया गया था. इस मामले में सोमवार को अनुराग बसु ने गया कोर्ट में एडीजे-4 की अदालत में गवाही दी. अनुराग बसु ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से तौसीफ पठान की पहचान की.


इस दौरान अनुराग बसु ने बताया कि गवाही के दौरान कोर्ट परिसर में तौसीफ पठान के कई लोग जमा दिखे और उसकी रेकी भी की जा रही थी. उसने अनहोनी की आशंका जताई और सुरक्षा की गुहार लगाई. इसके बाद कोर्ट ने पुलिस सुरक्षा में घर भेजने का निर्देश दिया. हालांकि सोमवार को गवाही पूरी नहीं हो सकी. इस लिए मंगलवार को फिर से समय दिया गया था.


सुरक्षा-व्यवस्था के बीच हुई गवाही


कोर्ट के एडिशनल पीपी अंबुज कुमार सिन्हा ने बताया कि इस मामले में गवाह संख्या 5 के रूप में अनुराग बसु है. सुरक्षा व्यवस्था के बीच गवाही की प्रक्रिया पूरी की गई है. गौरतलब हो कि इस मामले में सिविल लाइंस थाने में कांड संख्या 377/2017 और एटीएस कांड संख्या 1/17 दर्ज है.


बता दें कि आतंकी तौसीफ पठान अहमदाबाद सीरियल बम ब्लास्ट का मुख्य आरोपी है. इसकी निशानदेही पर ही गया के करमौनी से सने अली खान को गिरफ्तार किया गया था. वह पुलिस की गिरफ्तारी से बचने के लिए मैथ का कोचिंग चलाता था. इस मामले में तत्कालीन डीजीपी ने अनुराग बसु की बहादुरी के लिए प्रशस्त्री पत्र भी दिया था.



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