पटना: बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह (Akhilesh Prasad Singh) ने शनिवार (06 जनवरी) को बड़ा बयान दिया है. उन्होंने दावा किया कि प्रदेश में लोकसभा की सीटों पर ‘सम्मानित’ हिस्सा नहीं मिलने की स्थिति में न केवल पार्टी बल्कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) सहित पूरे ‘महागठबंधन’ पर असर पड़ेगा.
अखिलेश प्रसाद सिंह ने यह बयान उस सवाल के जवाब में दिया जब उनसे मीडिया के एक वर्ग में जारी उन अटकलों के बारे में पूछा कि पार्टी को राज्य की 40 लोकसभा सीट में से मात्र चार सीट की पेशकश की जाने वाली है. अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा, ‘‘यदि कांग्रेस केवल चार सीट पर लड़ती है तो जद (यू) सहित पूरे गठबंधन पर असर पड़ेगा. हालांकि हम यह नहीं कह रहे हैं कि हमें नौ दी जाए क्योंकि 2019 में हम उतने पर लड़े थे.’’
मीडिया के एक वर्ग में इस प्रकार की खबरें आ रही हैं कि जद (यू) ने अपने लिए 17 सीट मांगी हैं जितनी वह 2019 के चुनाव में लड़ी थी और एक को छोड़कर सभी पर सफल हुई थी. जद (यू) के राष्ट्रीय महासचिव संजय कुमार झा ने कहा, ‘‘हमारे पास 16 सीट हैं. इन पर दावा करने या किसी भ्रम का कोई सवाल ही नहीं है.’’ यह भी कहा है कि कांग्रेस की जो भी मांग हो वह उसे राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को बता दे. उन्होंने कहा कि जद (यू) सीट बंटवारे को लेकर राजद से बातचीत करेगा.
आरजेडी के जीरो और कांग्रस के हैं एक सांसद
बता दें कि बिहार में लोकसभा की 40 सीटें हैं. 2019 में हुए चुनाव में आरजेडी को एक सीट पर भी जीत नहीं मिली थी. उस वक्त नीतीश कुमार एनडीए के साथ थे. जेडीयू को 16 सीटों पर जीत मिली तो वहीं बीजेपी ने 17 सीटों पर कब्जा जमाया था. एलजेपी के खाते में 6 सीट गई थी. एक सीट पर जीत कांग्रेस को मिली थी. अब स्थिति उलट हो गई है. इस बार नीतीश कुमार महागठबंधन के साथ हैं. सीटों के पेंच को लेकर लगातार एनडीए के नेता महागठबंधन पर हमला भी कर रहे हैं.
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