पटना: एनडीए (NDA) सरकार को 12 फरवरी को बहुमत साबित करना है. इसको लेकर एनडीए और महागठबंधन (Mahagathabandhan) के नेता इन दिनों काफी एक्टिव हैं. दोनों पक्ष के लोग अपने पाले में ज्यादा से ज्यादा दलों के समर्थन के लिए प्रयास में जुटे हुए हैं. एआईएमआईएम (AIMIM) के एक विधायक पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने इस पर अपना रुख स्पष्ट किया. अख्तरुल ईमान ने शुक्रवार को कहा कि हम किसका समर्थन करेंगे यह हम उचित समय पर बताएंगे. महागठबंधन विधायकों की संख्या जब 121 पहुंच जाएगी तब आरजेडी को मेरे समर्थन की जरूरत होगी क्योंकि बहुमत के लिए 122 विधायकों की जरूरत होती है.
'ऑपरेशन लालटेन' पर बोले अख्तरुल ईमान
अख्तरुल ईमान ने कहा कि मुझे कोई खरीद नहीं सकता. बिहार में राजनीति का चाल चरित्र चेहरा बहुत खराब हो गया है. सरकार बनती है, गिरती है. विधायक क्या पशु हैं? जो उनकी बाड़ेबंदी की जा रही है. बीजेपी विधायकों को बोधगया भेजा जा रहा है. कांग्रेस विधायकों को हैदराबाद ले जाया गया. यह क्या हो रहा? कल को वोटरों को भी कैद कर लिया जाएगा. 'ऑपरेशन लालटेन' आरजेडी के लिए 12 तारीख को बहुमत साबित करने वाला दिन होगा या उसके बाद होगा? इस पर उन्होंने कहा कि मैं अभी इस पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा.
ओवैसी पहुंच रहे हैं सीमांचल
बता दें कि 2020 बिहार विधानसभा चुनाव में सीमांचल में पांच सीटों पर ओवैसी की पार्टी की जीत हुई थी. बाद में चार विधायक आरजेडी के साथ चले गए थे. वहीं, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी तीन दिवसीय दौरे पर बिहार के सीमांचल आ रहे हैं. 16 से 18 तक फरवरी बिहार में रहेंगे. 2024 लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी नेताओं के साथ बैठक करेंगे. ओवैसी के इस दौरे से आरजेडी की टेंशन बढ़ेगी. सीमांचल की किशनगंज लोकसभा सीट पर फिलहाल कांग्रेस का कब्जा है जबकि पूर्णिया कटिहार जेडीयू के खाते में है. अररिया सीट पर बीजेपी का कब्जा है, लेकिन इस पूरे क्षेत्र में आरजेडी की अच्छी पकड़ी मानी जाती है.