दरभंगा: दरभंगा जिले में इनदिनों हजारों बेरोजगार युवक-युवतियों को रोजगार देने साथ ही मिथिलांचल की पहचान मिथिला पेंटिंग को बढ़ावा देने के लिए और दरभंगा शहर को सुंदर बनाने के उद्देश्य से जिले के सभी सरकारी इमारतों की दीवारों पर मिथिला पेंटिंग बनवाया जा रहा है. ताकि नगरवासियों के साथ ही बाहर से आने वाले लोग भी मिथिलांचल की संस्कृति और सभ्यता से मिथिला पेंटिंग के माध्यम से रूबरू हों.


पेटिंग के लिए प्राकृतिक रंगों का होता है इस्तेमाल


पेंटिंग करवाने के पीछे उद्देश्य यह है कि विश्व प्रसिद्ध मिथिला पेंटिंग के माध्यम से बेरोजगारों को रोजगार मिले. साथ ही आम लोगों को मिथिलांचल की सभ्यता-संस्कृति, देवी-देवताओं और सरकार की ओर से चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी मिले. बता दें कि मिथिलांचल में मिथिला पेंटिंग खासकर सीता-राम प्रकरण पर बनाई जाती है, जिसमें प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल किया जाता है.


फूलों और पेड़ की पत्तियों से रंग तैयार कर सीता-राम, राधा-कृष्ण, शिव-पार्वती प्रकरण पर यह पेंटिंग बनाई जाती है. बिहार के मधुबनी में खासकर इसे घर-घर बनाया जाता है. मधुबनी, दरभंगा के कई कलाकारों ने इस पेंटिंग के माध्यम से देश-विदेश में मिथिलांचल का नाम रौशन किया है और राष्ट्रीय पदक पाए हैं.


पेंटिंग में मिथिला की सभ्यता-संस्कृति का दर्शन


दरभंगा की संस्कृति और सभ्यता को लेकर एक कहावत काफी प्रचलित है- "पग-पग पोखरी, माछ, मखान, सरस बोली मुस्की मुख पान, विद्या वैभव शांति प्रतीक ललित नगर दरभंगा थिक". इसी कहावत और संस्कृति को मिथिला पेंटिंग के माध्यम से दर्शाने का काम आल इंडिया परिवर्तन सेवा समिति (मिनिस्ट्री ऑफ टेक्सटाइल) को दिया गया है. योजना के तहत जिला अतिथि गृह, अंबेडकर सभागार, समाहरणालय परिसर सहित अन्य इमारतों पर मिथिला पेंटिंग बनाई जा रही है.


पेंटिंग में भक्ति भावना और प्रेम का चित्रण किया जा रहा है. राम-सीता विवाह, शिव-पार्वती विवाह, भगवान कृष्ण के जन्म से लेकर बाल्यकाल, सामाजिक संदेश के साथ ही अन्य चरित्रों का चित्रण किया गया है.


40 कलाकारों ने मिलकर एक महीने में पूरा किया काम


मिथिला पेंटिंग कार्य की मॉनिटरिंग कर रहे रविन्द्र कुमार ने बताया कि दरभंगा में मिथिला पेंटिंग का काम एक महीना में पूरा करना था, जिसके लिए मिथिला पेंटिंग के 40 निपुण कलाकारों को लगाया गया है. पेंटिंग के माध्यम से मिथिलांचल की पहचान पान, माछ, मखान के अलावा ग्रामीण परिवेश, विभिन्न देवी-देवताओं का चित्रण, गोदना के साथ ही सरकार की विकास योजना और कृषि संबंधित जानकारियां पेंटिंग के माध्यम से दी जा रही है. इसमें दरभंगा और मधुबनी जिले के 40 बेरोजगार निपुण कलाकार काम कर रहे हैं, जिन्हें सरकारी मानदेय के हिसाब से रोज भुगतान किया जाता है.


युवा कलाकार श्रुति और दीपा ने सरकार के इस कदम को अभी कोरोना काल मे अपने लिए वरदान मानते हुए कहा जहां इस वक्त युवाओं के लिए कोई काम नहीं था, सरकार की ओर से उठाए गए इस कदम से युवाओं में उम्मीद की एक किरण जगी है.