गोपालगंज: पवित्र अमरनाथ गुफा (Amarnath Cave) के पास आठ जुलाई शुक्रवार की शाम बादल फटने से कई लोगों की मौत हो गई, कई अब भी लापता हैं. राहत एवं बचाव का काम जारी है. हादसे के बाद अमरनाथ यात्रा को फ‍िलहाल रोक दी गई है. इस हादसे के प्रत्‍यक्षदर्शी बिहार के गोपालगंज के रहने वाले युवक ने बताया कि देवदूत बनकर आए एक सेना के जवान ने करीब 20 से 25 लोगों की जान बचा ली. 


गोपालगंज जिले के कुचायकोट थाने के बंगरा गांव के गोपीनाथ राय के छोटे पुत्र अनुप कुमार राय ने बताया कि देवदूत बनकर खड़े आर्मी के जवान ने गुफा से दो किमी पहले संगम के पास उनलोगों को रोक लिया. जवान के रोकने के बाद उनलोगों ने पहले आपत्त‍ि भी जताई, लेकिन उसके 25-30 मिनट बाद ही बादल फटने की जानकारी मिली. इसकी जानकारी होते ही उनलोगों का दिल दहल उठा. उस वक्‍त वहां पर करीब 20 से 25 लोग मौजूद थे. अगर सेना के जवान ने उनलोगों को संगम के पास नहीं रोका होता तो वे लोग भी हादसे के शिकार हो जाते. 


ये भी पढ़ें- Amarnath Cloudburst: अमरनाथ हादसे पर भोजपुरी सुपरस्‍टार खेसारी लाल यादव ने जताया दुख, बाबा भोलेनाथ से लगाई गुहार


शेषनाथ से सभी सुबह चले थे एक साथ 


अनुप कुमार ने बताया कि वे लोग शुक्रवार की सुबह शेषनाथ से संगम के लिए निकले थे. संगम पहुंचते ही सेना के एक जवान ने उनलोगों को रोक दिया. इसके बाद बारिश होने लगी. थोड़ी देर बाद पता चला कि बादल फट गया. इसके बाद सेना, एनडीआरएफ की टीम राहत और बचाव में जुट गई. हादसे के बाद बताया गया कि यात्रा को फ‍िलहाल रोक दी गई है. श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी न हो इसके लिए पूरा इंतजाम किया गया है. आर्मी और स्थानीय समाजसेवियों की ओर से जगह-जगह लंगर लगाए गए हैं. एक भी यात्री भूखे ना रहे, इसके लिए फल से लेकर भोजन और गर्म पानी का भी इंतजाम किया गया है. फोन चार्ज करने के लिए चार्जिंग प्‍वाइंट बनाए गए हैं. 


ये भी पढ़ें- 22 Lakh Looted In Hajipur: SP थानेदारों के साथ कर रहे थे क्राइम मीटिंग इधर ATM से 22 लाख ले भागे चोर, जंदाहा की घटना