एंबुलेंस विवाद: पप्पू यादव और राजीव प्रताप रुडी ने ABP न्यूज पर रखा अपना पक्ष, जानें- क्या कहा?
बीजेपी सांसद राजीव प्रताप रुडी ने कहा, " पप्पू यादव के लिए कोई कानून नहीं है. वो लॉकडाउन में अपने काफिले के साथ घूमें. लेकिन मैं दावा कर सकता हूं कि एंबुलेंस का जितना बड़ा नेटवर्क सारण जिले में है, वैसा देश में कहीं नहीं है. 75-80 एंबुलेंस हैं, जिसमें से 50-55 संचालित होते हैं. 3 साल से लोगों की सेवा की जा रही है."
पटना: बिहार में कोरोना के बढ़ते प्रभाव के बीच जारी एंबुलेंस विवाद पर शानिवार को जाप सुप्रीमो पप्पू यादव और बीजेपी सांसद राजीव प्रताप रुडी ने एबीपी न्यूज पर अपना-अपना पक्ष रखा. पप्पू यादव ने बताया कि उन्हें जानकारी नहीं थी, कि ये मसला बीजेपी सांसद राजीव प्रताप रुडी से जुड़ा हुआ है, अगर उन्हें जानकारी होती तो वो लिहाज जरूर रखते. उन्होंने बीजेपी सांसद परआरोप लगाते हुए कहा, " रुडी जी, लिहाज नहीं रख रहे. मुझे जान से मारने की धमकी मिल रही है."
सांसद के एनजीओ को जाते रहे पैसे
पप्पू यादव ने कहा, " एंबुलेंस की कमी की वजह से लोग मर रहे हैं. एंबुलेंस चालक सरकार के साथ मिलीभगत कर मनमानी कर रहे हैं." उन्होंने आरोप लगाया कि राजीव प्रताप रुडी ने एमपी लैड्स से एंबुलेंस खरीदे और फिर उसे मुखिया और अन्य जनप्रतिनिधियों को दे दिया. वे सभी इसका संचालन करते रहे और उसके पैसे सांसद के एनजीओ को जाते रहे."
ड्राइवर की कमी वाली दलील पर पप्पू यादव ने कहा कि सवा साल से एंबुलेंस उनके दफ्तर में लगे हुए हैं और ये अब बोल रहे हैं कि ड्राइवर नहीं हैं. असल में जिस पंचायत में उन्हें वोट नहीं मिला, वहां से उन्होंने एंबुलेंस वापस मंगवा लिया. वोट के लिए एंबुलेंस का बंदर बांट किया. 39 एंबुलेंस खड़े हैं. 6 तारीख को चिट्ठी क्यों लिखी? और उन्होंने क्यों लिखी? अब ड्राइवर मांग रहे हैं.
पप्पू यादव ने कहा, " उन्होंने सरकार का पैसा गबन कर मां के नाम पर अस्पताल बनाया है. ड्राइवर प्रशिक्षण केंद्र खुला था, तो ड्राइवर की कैसे कमी हो गई? अब मैं इस मामले में कोर्ट जाऊंगा."
बीजेपी सांसद ने कही ये बात
इधर, बीजेपी सांसद राजीव प्रताप रुडी ने कहा, " पप्पू यादव के लिए कोई कानून नहीं है. वो लॉकडाउन में अपने काफिले के साथ घूमें. लेकिन मैं दावा कर सकता हूं कि एंबुलेंस का जितना बड़ा नेटवर्क सारण जिला में है, वैसा देश में कहीं नहीं है. 75-80 एंबुलेंस हैं, जिसमें से 50-55 संचालित होते हैं. 3 साल से लोगों की सेवा की जा रही है. ऐसा शायद ही किसी संसदीय क्षेत्र में होता होगा."
उन्होंने कहा, " जो एंबुलेंस खड़ी हैं, वो पंचायत से लौटी एंबुलेंस हैं, जिनका उपयोग नहीं हो रहा था. जिले में किसी की भी जान एंबुलेंस की कमी की वजह से नहीं गई है. डीएम से बात हो रही है, ड्राइवर को ढूंढना शुरू किया गया है. हम क्रेडिट लेने के लिए राजनीति नहीं करते हैं. वादा करते हैं और उसे पूरा भी करते हैं."
दूसरे जिलों में एंबुलेंस के संचालन पर बीजेपी सांसद ने कहा, " ये सांसद कोष के एंबुलेंस हैं और संसदीय क्षेत्र में ही चलेंगे. हमने पप्पू यादव से भी कहा कि गाड़ी जिला में संचालित करवाइए. मैं सब व्यवस्था भी करवा दूंगा. लेकिन पहले वो आश्वस्त करें कि वो इससे जनहित का ही काम करेंगे. वो तो रात में छुपकर आते और जाते हैं और नुकसान करते हैं. ऐसे न करें. सम्मानित इंसान की तरह काम करें. हम इंतेजार कर रहे हैं."
यह भी पढ़ें -
ABP Bihar Exclusive: टीकाकरण के आंकड़ों में 'खेल', पहली डोज ली नहीं और दूसरी की दे दी तारीख
DMCH के औषधि विभागाध्यक्ष ने की पदमुक्त करने की मांग, पत्र लिखकर कहा- आपातकाल जैसी है स्थिति