गोपालगंज: कहते हैं कि बेटियां बेटों से कम नहीं होतीं. अगर यह ठान लें तो हर मुश्किल राह को भी ये आसान कर देती हैं. गोपालगंज के सुरवल गांव की रहने वाली उमरावती ने इसे साबित कर दिखाया है. बीते शुक्रवार की शाम उमरावती ने तीन किलोमीटर तक पीठ पर अपनी मां को लेकर पैदल ही अस्पताल पहुंचाया. एक तरफ एक बेटी ने अपनी मां के लिए ऐसा करके श्रवण बेटा होने का फर्ज निभाया तो दूसरी ओर यह दृश्य बिहार में स्वास्थ्य विभाग के मुंह पर तमाचा है.
बरौली स्वास्थ्य केंद्र से नहीं मिली एंबुलेंस
बताया जाता है कि उमरावती की बुजुर्ग मां बचिया देवी बीमार थी और उन्हें अस्पताल पहुंचाना काफी जरूरी था. ऐसे में उन्हें एंबुलेंस तक उपलब्ध नहीं कराया गया. उमरावती ने गाड़ी वालों से भी बातें कीं लेकिन कोई भी अस्पताल ले जाने के लिए तैयार नहीं हुआ. इसके बाद अंत में वह खुद पीठ पर लेकर तीन किलोमीटर तक पैदल गई और मां को बरौली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया.
उमरावती के हौसले की हो रही है तारीफ
ऐसे में घर से तीन किलोमीटर दूर जाकर एक बेटी ने मां का इलाज करवाया. इतना ही नहीं बल्कि स्वास्थ्य केंद्र की लापरवाही की हद तो तब हो गई जब लौटने के क्रम में भी बुजुर्ग महिला को एंबुलेंस नहीं मिली. वापस फिर तीन किलोमीटर पीठ पर ही लेकर आना पड़ा. स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही की चर्चा अब हर तरफ हो रही है. वहीं उमरावती के हौसले की तारीफ हो रही है.
घर में नहीं है कोई कमाने वालाः उमरावती
उमरावती ने बताया कि उसके पिता साधु बिंद की मौत पहले ही हो गई है. उसका कोई भाई नहीं है. इसलिए वह अपनी माता की देखभाल के लिए मायके में ही रहती है. घर में कोई कमाने वाला सदस्य नहीं होने से पैसे की तंगी के बीच उसकी मां की तबीयत खराब हो गई. उसने कहा कि मां के इलाज के लिए पैसे नहीं है. इसलिए सरकारी अस्पताल में कराना पड़ रहा है.
इस मामले में गोपालगंज के सिविल सर्जन डॉ. योगेंद्र महतो ने बताया कि उन्हें भी यह वीडियो मिला है. इस मामले में जांच कराई जाएगी कि कहां से गड़बड़ी हुई है. इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. बात की जा रही है.
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