(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
विवादों के बीच मेवालाल चौधरी ने ग्रहण किया शिक्षा मंत्री का पद, खुद पर लगे आरोपों को लेकर दी सफाई
मेवालाल चौधरी ने कहा कि कोई भी केस तब प्रूफ होता है जब आप चार्जसिटेड हों या कोर्ट ने कोई फैसला किया हो. ना मैं अभी चार्जसिटेड हूँ और ना अभी कोई आरोप सिद्ध हुआ है. गड़बड़ी सलेक्शन प्रोसेस में हुआ है और उसमें वाइस चांसलर को कुछ नहीं करना होता है.
पटना: विवादों में घिरे बिहार के नए शिक्षा मंत्री और जेडीयू नेता मेवालाल चौधरी ने गुरुवार को शिक्षा मंत्री का पद भार ग्रहण कर लिया है. पद भार ग्रहण करने के बाद उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों को लेकर सफाई दी. मेवालाल चौधरी ने कहा कि सरकार की कोई किरकिरी नहीं हो रही है. सारे आरोप बेबुनियाद और निराधार हैं. वैसे आरोपी जो खुद जेल के दरवाजे पर खड़े हैं, वो अगर हमपर कोई बेबुनियाद इल्जाम लगाते हैं, तो उसपर कहने के लिए मेरे पास कोई शब्द नहीं हैं.
उन्होंने कहा कि कोई भी केस तब प्रूफ होता है जब आप चार्जसिटेड हों या कोर्ट ने कोई फैसला किया हो. ना मैं अभी चार्जसिटेड हूँ और ना अभी कोई आरोप सिद्ध हुआ है. गड़बड़ी सलेक्शन प्रोसेस में हुआ है और उसमें वाइस चांसलर को कुछ नहीं करना होता है.
सुशील मोदी की मांग पर उन्होंने कहा कि हो सकता है उन्हें कोई मिस ब्रीफिंग किया हो. इसमें सत्यता ये है कि सलेक्शन की बात थी और सलेक्शन में वाइस चांसलर कही भी नहीं आते हैं, इसमें चेयरमैन और हर कमिटि के एक एक्सपर्ट होते हैं और वही डिसाइड करते हैं क्या करना है, क्या नहीं करना है. अगर आपको अच्छी शिक्षा देनी है तो अच्छे शिक्षक भी चाहिए.
मेवालाल ने अपनी पत्नी के विषय में भी सफाई देते हुए कहा कि ये आप विपक्ष से पूछे कि अगर उनकी पत्नी भी इसी तरह मर जाए और हम उनसे ये पूछे तो उन्हें अच्छा लगेगा, जिसने भी ये बात कहा है उसको आज ही मैं लीगल नोटिस भेजने जा रहा हूँ और मैं उनपर 50 करोड़ का मानहानि की दावा करूँगा.
वहीं, तेजस्वी यादव के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि अगर तेजस्वी यादव ने ऐसे कहा है तो ठीक नहीं है. वो खुद बड़े नेता हो सकते हैं और मुझे खुशी होगी अगर वो मेरे सामने टेबल पर बैठकर एजुकेशन पर बात करें.
गौरतलब है कि तारापुर से विधायक मेवालाल चौधरी शिक्षा मंत्री बनने के बाद से ही पुराने विवाद में घिरते दिख रहे हैं. सबौर कृषि विश्वविद्यालय में सहायक अध्यापक सह जूनियर वैज्ञानिक की भर्ती के दौरान जमकर धांधली हुई थी. इस मामले में तत्कालीन कुलपति और मौजूदा शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी पर धांधली का आरोप लगा था. इस मामले में सबौर थाना में मेवालाल चौधरी पर प्राथमिकी भी दर्ज हुई थी, हालांकि अभी फिलहाल वह हाई कोर्ट से अग्रिम जमानत पर हैं.
बता दें कि शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी की पत्नी स्वर्गीय नीता चौधरी 2010 से 2015 तक तारापुर से विधायक रही थीं. 2019 में रसोई गैस सिलिंडर में आग लगने से वह झुलस गई थी और इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी.
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