पटना: गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) सीमांचल दौरे पर आ रहे हैं. सबसे बड़ा सवाल कि आखिर सीमांचल को ही क्यों चुना गया? इसके लिए क्या कोई बड़ी प्लानिंग है? इसको लेकर मंगलवार को नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा (BJP Vijay Kumar Sinha) से जब एबीपी न्यूज ने बात की तो उन्होंने कई बड़े खुलासे किए. विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि सीमांचल को लेकर केंद्र सरकार बड़ा निर्णय लेगी और बड़ी तैयारी है.
विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि सीमांचल के इलाकों में हिन्दू अल्पसंख्यक बन गए हैं. वहां आतंकवादी रहते हैं. आतंकवादियों की दहशत है. हिन्दू पलायन कर रहे हैं और बांग्लादेशी घुसपैठियों की संख्या बढ़ गई है. वहां लव जिहाद की सबसे ज्यादा मामले हैं. बिहार में यह सब गंभीर बीमारी है. लालू-नीतीश के 32 साल के शासनकाल में उन क्षेत्रों का यह हाल हुआ. अब समय आ गया है कि बिहार को इन समस्याओं से मुक्ति दिलाई जाए. अमित शाह वहां जाने वाले हैं. बिहार को इन समस्याओं से मुक्ति मिलेगी.
'बिहार को ठीक करने की बारी'
सीमांचल के क्षेत्रों को लेकर विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि जितने भी राज्य जिनकी सीमा से पाकिस्तान नजदीक है वहां कांग्रेस के शासनकाल में पाकिस्तान से आतंकवादी आते थे. बम धमाके होते थे. मोदी सरकार के आते ही यह सब उन राज्यों में बंद हो गया. अब बारी बिहार को ठीक करने की है. सीमांचल को हम लोग पूर्वांचल समझते हैं. दो दिन अमित शाह यहां रहेंगे और यहां की बीमारियों की समीक्षा करेंगे. इसके बाद सर्जिकल स्ट्राइक होगा या कौन दवा दी जाएगी यह तय होगा लेकिन केंद्र सरकार की बड़ी तैयारी होगी.
उन्होंने कहा कि 32 साल में इन क्षेत्रों के अल्पसंख्यकों का बुरा हाल किया गया. अल्पसंख्यकों को लालू-नीतीश से पूछना चाहिए कि उनकी शिक्षा, आर्थिक व्यवस्था, राजनीतिक भागीदारी को ठीक करने के लिए इन दोनों ने क्या किया? ये दोनों भाई जवाब नहीं दे पाएंगे. समान भाव के साथ अल्पसंख्यकों को भी आगे बढ़ाना है. सबका साथ सबका विश्वास के रास्ते पर आगे बढ़ते हुए अब अल्पसंख्यकों का भी विकास करना है. तुष्टिकरण की राजनीति लालू-नीतीश की बंद होगी. केंद्र सरकार सबको साथ लेकर चलेगी. अल्पसंख्यकों को तुष्टीकरण से कलंकित नहीं होने देंगे.
बता दें कि सीमांचल के पूर्णिया में 23 सितंबर को अमित शाह की रैली है. 24 सितंबर को किशनगंज में बीजेपी पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगे. बड़े सरकारी अधिकारियों के साथ भी बैठक करेंगे. अगर सीमांचल को केंद्र शासित प्रदेश बनाया जाता है तो इसका सर्वाधिक नुकसान नीतीश लालू की राजनीति को होगा. मुस्लिम वोट का बड़ा हिस्सा अलग हो जाएगा. सीमांचल में पूर्णिया, किशनगंज अररिया, कटिहार इत्यादि आते हैं. पास में बांग्लादेश, नेपाल है. सीमांचल दौरे पर अमित शाह आ रहे हैं जब से यह खबर आयी है तब से चर्चा होने लगी है कि क्या सीमांचल को लेकर केंद्र सरकार किसी बड़े प्लान पर काम कर रही है? क्या केंद्र शासित प्रदेश बनाया जा सकता है? इन सब पर विजय सिन्हा ने ऐसे बयान दिये हैं जिससे अटकलों को और बल मिल रहा है.
यह भी पढ़ें-