खगड़ियाबाहुबली पूर्व सांसद आनंद मोहन (Anand Mohan) एक बार फिर सुर्खियों में हैं. हाल ही में तस्वीर सामने आई थी जिसको लेकर कहा गया था कि 12 अगस्त को जब वे पेशी के लिए पटना आए थे तो वो पाटलिपुत्र स्थित आवास जाकर परिवार से मिले थे. इस मामले में छह पुलिसकर्मियों को सस्पेंड भी किया गया है. इसको लेकर सोमवार को एबीपी न्यूज की टीम ने कुछ पड़ताल की. पता चला कि खगड़िया सर्किट हाउस में 12 अगस्त की रात आनंद मोहन के बेटे और आरजेडी विधायक चेतन आनंद के नाम पर तीन कमरे बुक किए गए थे.


इस मामले में खगड़िया सर्किट हाउस के केयरटेकर अशोक कुमार ने कहा कि 12 अगस्त की रात में 11:55 मिनट पर चेतन आनंद यहां आए थे. आनंद मोहन उस दिन नहीं आए थे. तीन कमरा बुक था. एक कमरे में चेतन आनंद खुद सोए थे. एक कमरे में उनके दो कार्यकर्ता सोए थे. एक कमरे में उनका बॉडीगार्ड सोया आया था. अशोक कुमार ने कहा कि चेतन आनंद के साथ एक पुलिस स्कॉट था जिसमें पांच पुलिसकर्मी थे. पांचों पुलिसकर्मी सर्किट हाउस में पीछे एनेक्सी में सोए थे. चेतन आनंद 13 तारीख की सुबह 10 बजे यहां से चले गए थे.


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इस दौरान जब केयरटेकर से पूछा कि विधायकों को सुरक्षा के तौर पर पांच पुलिसकर्मी नहीं मिलते. स्कॉट नहीं मिलता. इस पर केयरटेकर अशोक ने कहा कि जब पटना में चेतन आनंद रहते हैं तो पुलिसकर्मी उनके साथ नहीं रहते लेकिन दूसरे जिलों में जाते हैं तो पांच पुलिसकर्मी उनके साथ चलते हैं. इधर, कुक संजय पंडित ने कहा कि रात में कौन आया था या कौन नहीं आया था यह नहीं पता. वह सोया हुआ था. सुबह इतना जरूर देखा कि आरजेडी के कुछ नेता यहां आए थे, लेकिन उन लोगों को वो नहीं पहचानता है.


जेल में बंद हैं आनंद मोहन


बता दें कि गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी. कृष्णैया हत्याकांड मामले में बाहुबली पूर्व सांसद आनंद मोहन को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी. बाद में ऊपरी अदालत ने सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया था. सहरसा जेल में बंद हैं. 12 अगस्त की तस्वीर खूब वायरल हो रही है. महागठबंधन की सरकार पर सवाल उठने लगे.


सर्किट हाउस में पहुंचे थे पांच पुलिसकर्मी


12 अगस्त को पटना सिविल कोर्ट में एक मामले में पेशी के लिए लाया गया था. उसके बाद आनंद मोहन अपने आवास पर चले गए थे. सवाल उठ रहा है और ऐसी चर्चा भी है कि क्या उसी दिन 12 अगस्त की शाम को पटना से आनंद मोहन चले थे और खगड़िया सर्किट हाउस में आकर रात में रुके थे? इसके बाद सुबह यहां से सहरसा जेल चले गए थे. पटना में जब आनंद मोहन थे तो उनके साथ पांच पुलिसकर्मी थे. यहां के कर्मचारियों का कहना है कि यहां पर पांच पुलिसकर्मी आए थे, लेकिन वह चेतन आनंद के साथ थे.


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