पटना: पूर्व सांसद और बाहुबली नेता आनंद मोहन सिंह (Anand Mohan Singh) की रिहाई के खिलाफ आज शुक्रवार (19 मई) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई होगी. गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया (G Krishnaiah) की पत्नी उमा कृष्णैया (Uma Krishnaiah) ने इस रिहाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. याचिका पर आठ मई को पहली सुनवाई हुई थी. उस दिन कोर्ट ने बिहार सरकार और आनंद मोहन दोनों को नोटिस जारी किया था. आज फिर सुनवाई होनी है.


वहीं सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखने के लिए पूर्व सांसद ने सीनियर एडवोकेट एपी सिंह को हायर किया है. बता दें कि आईएएस अधिकारी और गोपालगंज के डीएम जी कृष्णैया की हत्या मामले में आनंद मोहन करीब 16 साल तक जेल में बंद थे. नीतीश सरकार ने कानून में बदलाव कर आनंद मोहन समेत 27 कैदियों को रिहा किया था. हालांकि एक कैदी की पहले ही मौत हो चुकी थी.


याचिका में क्या है दावा?


याचिका में यह भी कहा गया है कि 10 अप्रैल को सिर्फ राजनीतिक कारणों से बिहार सरकार ने जेल नियमावली के नियम 481(1)(a) को बदल दिया. याचिका में बताया गया है कि 2012 में बिहार सरकार की तरफ से बनाई गई जेल नियमावली में सरकारी कर्मचारी की हत्या को जघन्य अपराध कहा गया था. इस अपराध में उम्र कैद पाने वालों को 20 साल से पहले किसी तरह की छूट न देने का प्रावधान था. लेकिन पिछले महीने राज्य सरकार ने जेल नियमावली में बदलाव कर सरकारी कर्मचारी की हत्या को सामान्य हत्या की श्रेणी में रख दिया गया. इससे आनंद मोहन के जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया.


सीधे देहरादून रवाना हो गए थे आनंद मोहन


27 अप्रैल 2023 को सहरसा जेल से हुई रिहाई के बाद आनंद मोहन सीधे देहरादून के लिए रवाना हो गए थे. रिहाई के दिन सुबह जेल के बाहर समर्थक और मीडियाकर्मी पहुंचने लगे तब पता चला कि आनंद मोहन को सुबह में ही छोड़ा जा चुका है. आनंद मोहन कैसे देहरादून पहुंच गए किसी को पता भी नहीं चला. आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद की देहरादून में शादी थी. पूरा परिवार वहीं पहुंचा हुआ था.


'चीफ मिनिस्टर फील्ड में नहीं करेंगे काम'


आनंद मोहन की रिहाई के बाद लगातार बीजेपी सरकार को भी घेरने में लगी थी. इस बीच जी कृष्णैया की पत्नी उमा देवी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है. जी कृष्णैया की पत्नी ने यह भी कहा है कि चीफ मिनिस्टर फील्ड में जाकर काम नहीं करेंगे. सरकार को ऐसा निर्णय लेना चाहिए कि आईएएस और आईपीएस का मनोबल बढ़े.


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