सहरसा: राज्यसभा में आरजेडी (RJD) के सदस्य मनोज झा (Manoj Jha) के 'ठाकुर' वाले कविता के बाद पूरे देश के राजनीतिक गलियारों में बहस छिड़ी गई है. वहीं, शुक्रवार जब पूर्व सांसद आनंद मोहन (Anand Mohan) सहरसा व्यवहार न्यायालय पहुंचे तो मीडिया ने सवाल किया कि लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) ने मनोज झा के बयान का समर्थन किया है. इस पर आनंद मोहन ने कहा कि अच्छी बात है. वो उनके महासचिव और प्रवक्ता हैं तो सपोर्ट करेंगे ही. गरीब का सपोर्ट कोई थोड़े करता है?


मनोज झा पर जमकर बरसे थे आनंद मोहन 


इससे पहले पूर्व सांसद आनंद मोहन राज्यसभा सदस्य मनोज झा पर जमकर बरसे थे. उन्होंने कहा था कि आरजेडी सांसद मनोज झा ने कैसे ठाकुरों पर अनाप-शनाप बोल दिया? वह जो कविता का पाठ लोकतंत्र के मंदिर संसद में पढ़ रहे थे उस कविता में अंदर के ठाकुरों को मारने का कहीं जिक्र नहीं है. मैं संसद में रहता तो उनका जीभ खींचकर आसन की ओर उछाल देता. वहीं, इस मुद्दे पर पूर्व सांसद आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद ने खुलकर मनोज झा के बयान की निंदा की थी. चेतन आनंद आरजेडी से विधायक हैं. वहीं, चेतन आनंद के विरोध पर आरजेडी सुप्रीमों ने कहा कि 'उसको अक्ल नहीं है'. 


ठाकुर के मुद्दे पर बिहार की राजनीति गरमाई


मनोज झा द्वारा सुनाई गई 'ठाकुर' वाले कविता को लेकर जेडीयू और बीजेपी भी अपना कड़ा रुख अपनाए हुए है. पटना में पूर्व मंत्री सह बीजेपी के विधायक नीरज कुमार बबलू ने आरजेडी नेताओं का पुतला दहन किया था. इस दौरान मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव ने अपने सांसद के जरिए संसद के भीतर ठाकुरों का अपमान करने की साजिश रची. नीरज बबलू ने चेतावनी दी कि अगर तेजस्वी और उनके सांसद माफी नहीं मांगते हैं तो राज्य की राजधानी की सड़कों पर दिख रहा लोगों का आक्रोश बिहार की हर पंचायत में फैल जाएगा. वहीं, जेडीयू के एमएलसी संजय सिंह भी इसको लेकर मनोज झा पर जमकर बरसे थे. उन्होंने कहा था कि ठाकुर आग है. इस आग को मनोज झा भड़काने की कोशिश ना करें क्योंकि आज तक कोई दमकल ऐसा नहीं बना कि जो इस आग को बुझा सके.


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