पटना: पूर्व सांसद आनंद मोहन (Anand Mohan) की रिहाई के बाद एक बार फिर आईएएस (IAS) अधिकारी जी कृष्णैया हत्याकांड (G Krishnaiah Murder Case) भी सुर्खियों में आ गया है. इस मामले को लेकर नीतीश सरकार (Nitish Kumar) विपक्ष के निशाने पर आ गई है. बीजेपी (BJP) इस मुद्दे पर जमकर हमला बोल रही है. नीतीश सरकार पर गंभीर आरोप लगा रही है. वहीं, अब ये मामला सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) पहुंच गया है. आईएएस अधिकारी जी कृष्णैया की पत्नी उमा कृष्णैया (Uma Krishnaiah) ने बिहार के राजनेता आनंद मोहन सिंह की जेल से समय से पहले रिहाई को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.
बिहार सरकार ने जेल नियमावली में बदलाव किया था
पूर्व सांसद और बाहुबली आनंद मोहन को गुरुवार 27 अप्रैल की सुबह सहरसा जेल से रिहा कर दिया गया. आनंद मोहन की रिहाई 'जेल सजा छूट आदेश' के तहत हुई है. हाल में बिहार सरकार ने जेल नियमावली में बदलाव किया था. इस बदलाव के बाद मोहन समेत 27 दोषियों की समय से पहले रिहाई का रास्ता साफ हो गया. नीतीश कुमार नीत बिहार सरकार ने 10 अप्रैल को बिहार जेल नियमावली, 2012 में संशोधन किया था. इस संशोधन में उस प्रोविजन को हटा दिया था, जिसमें कहा गया था कि 'ड्यूटी पर कार्यरत लोकसेवक की हत्या' के दोषी को उसकी जेल की सजा में माफी और छूट नहीं दी जा सकती. बिहार सरकार के इस फैसले के बाद काफी विवाद भी खड़ा हो गया है.
आईएएस कृष्णैया हत्याकांड में मिली थी सजा
गौरतलब है कि आनंद मोहन को गोपालगंज के तत्कालीन जिलाधिकारी जी कृष्णैया की हत्या के मामले में दोषी ठहराया गया था. सन् 1994 में मुजफ्फरपुर के गैंगस्टर छोटन शुक्ला की शवयात्रा के दौरान आईएएस अधिकारी कृष्णैया की हत्या कर दी गई थी. अक्टूबर 2007 में एक स्थानीय अदालत ने मोहन को मौत की सजा सुनाई थी, लेकिन दिसंबर 2008 में पटना हाई कोर्ट ने मृत्युदंड को उम्रकैद में बदल दिया था. मोहन ने निचली अदालत के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी.