पटना: बिहार के बाहुबली और पूर्व सांसद आनंद मोहन (Anand Mohan) समेत 27 कैदियों की हाल ही में बिहार सरकार (Bihar Government) ने रिहाई की है. जेल मैनुअल में संशोधन के बाद यह किया गया है. इसमें गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया की हत्या के आरोप में आनंद मोहन की रिहाई से राज्य सरकार पर सवाल उठ रहे हैं. एक तरफ बीजेपी नीतीश सरकार पर हमलावर है तो वहीं दूसरी ओर आईएएस जी कृष्णैया के परिवार ने आरोप लगाए हैं कि यह गलत हुआ है. वोट के लिए किया गया है. अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी.


आठ मई को इस मामले में होगी सुनवाई


आनंद मोहन की रिहाई के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से सुनवाई के लिए आठ मई की तारीख दी गई है. दिवंगत आईएएस जी कृष्णैया की पत्नी उमा कृष्णैया ने कोर्ट में याचिका दायर की थी. आज सोमवार (1 मई) को उनकी वकील ने चीफ जस्टिस के सामने इस मामले को रखा. चीफ जस्टिस की ओर से सुनवाई के लिए आठ मई की तारीख मिली है.


27 अप्रैल को हुई थी रिहाई


बता दें कि आनंद मोहन की रिहाई 27 अप्रैल को सुबह 6.15 बजे हुई थी. हालांकि सहरसा जेल से रिहाई के बाद वह कहां गए यह किसी ने नहीं देखा था. आनंद मोहन के समर्थक जेल के बाहर जब सुबह पहुंचने लगे तब पता चला कि उन्हें सुबह में ही छोड़ा जा चुका है. आनंद मोहन के समर्थक तैयारी में थे कि वह जेल से बाहर आएंगे तो उनका स्वागत किया जाएगा. गाजे-बाजे की तैयारी थी लेकिन ऐसा नहीं हो सका. 


अभी भी मीडिया से बनाई है दूरी


आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद आरजेडी से विधायक हैं. 24 अप्रैल को पटना के विश्वनाथ फार्म में सगाई हुई थी. तीन मई को देहरादून में शादी होने वाली है. हालांकि अभी वेन्यू को लेकर संशय है. आनंद मोहन ने रिहाई के बाद से मीडिया से दूरी बनाई है. अभी तक उनका कोई बयान नहीं आया है.


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