(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Anand Mohan Row: सूर्योदय के पहले जेल से आनंद मोहन की रिहाई गलत? हाई कोर्ट में दायर याचिका से बढ़ने वाली है मुश्किल!
Anand Mohan Singh News: सामाजिक कार्यकर्ता अमर ज्योति ने अपने अधिवक्ता अलका वर्मा के माध्यम से याचिका दायर की है. जेल सुपरिंटेंडेंट ने बताया है कि आनंद मोहन को सुबह 6.15 बजे छोड़ा गया है.
पटना: पूर्व सांसद आनंद मोहन (Anand Mohan) की गुरुवार (27 अप्रैल) की सुबह जेल से रिहाई हो गई. इस रिहाई को कानून जानकार गलत भी मान रहे हैं. पहले शुरुआत में यह खबर आई थी कि आनंद मोहन को सुबह 4 से 4.30 बजे के आसपास जेल से छोड़ा गया है. अब सहरसा जेल के सुपरिंटेंडेंट अमित कुमार ने एबीपी न्यूज़ (ABP News) को बताया है कि आनंद मोहन को सुबह 6.15 बजे छोड़ा गया है.
सूत्रों के अनुसार आनंद मोहन को जेल के पीछे वाले गेट से निकाला गया है. नियम के मुताबिक सूर्योदय से पहले किसी भी कैदी को या रिहा होने वाले को नहीं निकाला जा सकता है. अब ऐसे में आनंद मोहन की रिहाई को लेकर सवाल उठ रहे हैं कि कहीं इस तरीके से की गई रिहाई गलत तो नहीं है. वहीं दूसरी ओर आनंद मोहन की रिहाई को लेकर जेल नियमों में हुए बदलाव के खिलाफ बुधवार (26 अप्रैल) को पटना हाई कोर्ट (Patna High Court) में एक सामाजिक कार्यकर्ता ने याचिका दायर की है.
संशोधन में किस वाक्य को हटाया गया है?
पटना हाईकोर्ट में बिहार सरकार की ओर से जारी उस अधिसूचना को निरस्त करने के लिए लोकहित याचिका दायर की गई है, जिसके तहत बिहार कारागार नियमावली, 2012 के नियम 481(i)(क) में संशोधन कर 'ड्यूटी पर तैनात लोक सेवक की हत्या' वाक्य को हटाया दिया गया.
'यह संशोधन गैरकानूनी'
इस लोकहित याचिका सामाजिक कार्यकर्ता अमर ज्योति ने अपने अधिवक्ता अलका वर्मा के माध्यम से दायर की है. याचिका में राज्य सरकार की ओर से बिहार कारागार नियमावली, 2012 के नियम 481(i) (क) में किए गए संशोधन को गैरकानूनी बताया गया है. यह अधिसूचना कानून व्यवस्था पर प्रतिकूल असर डालने वाली है और ड्यूटी पर मौजूद लोक सेवकों और आम जनता के मनोबल को गिराती है.
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