पटना: बाहुबली और पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई पर नीतीश सरकार ने मुहर लगा दी है. अब वे जेल से पूरे तरह रिहा हो जाएंगे. वहीं दूसरी तरफ उनकी रिहाई को लेकर तरह-तरह के सवाल उठाये जा रहे हैं. इससे बिहार में सियासी हलचल तेज हो गई. नेताओं के बीच बयानबाजी शुरू हो चुकी है. बीजेपी नेता और राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी ने बाहुबली आनंद मोहन की रिहाई पर सवाल खड़े कर दिए हैं. इसे लेकर अब आनंद मोहन का जवाब सामने आया है.
सवालों पर आनंद मोहन का करारा जवाब
अपनी रिहाई को लेकर उठाये जा रहे सवालों पर आनंद मोहन ने करारा जवाब दिया है. आनंद मोहन ने बुधवार को कहा ''मैंने सबको जवाब दे दिया है अब कुछ नहीं बोलेंगे.'' उन्होंने कहा ''सारे सियासी मायने का हमने जवाब दे दिया है. ये जनतंत्र है.'' साथ ही उन्होंने कहा ''सवाल उठाने वाले को प्रणाम.''
सुशील मोदी ने रिहाई पर उठाये सवाल
बीजेपी नेता और राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी ने बाहुबली पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई के मामले में कहा कि यह रिहाई कैसे संभव है. सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश जी ने ही 2016 में संशोधन किया था. उन्होंने यहां तक कह डाला कि जेल मैनुअल संशोधन पूरी तरह असंवैधानिक है. यह कुछ लोगों को लाभ देने के लिए इस तरह का संशोधन कराया गया है. उन्होंने कहा कि इसका हम विरोध करते हैं. कोई सरकारी सेवक की हत्या कर देगा और उसे कानून संशोधन करके छोड़ दिया जाएगा.
उन्होंने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि आप कानून में संशोधन करके वैसे व्यक्ति को छोड़ रहे हैं जो एक दलित अधिकारी की हत्या करके जेल में गया है और आप उसे छोड़ रहे हैं. हजारों सरकारी अधिकारी है ऐसे में तो कोई भी उसकी हत्या कर देगा और 10 साल 12 साल के बाद छूट कर आ जाएगा.
बता दें कि बिहार सरकार ने 10 अप्रैल को संशोधन करते हुए जेल मैनुअल से 'काम पर तैनात सरकारी सेवक की हत्या' अंश को हटा दिया गया. इसी से आनंद मोहन या उनके जैसे अन्य कैदियों की रिहाई को रास्ता साफ हो गया. इसे लेकर नीतीश सरकार पर अपराधियों को छुड़ाने के आरोप लगाये जा रहे हैं. बता दें कि आनंद मोहन के साथ कुल 27 लोगों को रिहा करने का रास्ता साफ हो गया है.
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