पटना: बिहार में बाहुबली और पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई से सियासी हलचल तेज हो गई है. आनंद मोहन की रिहाई पर तरह-तरह के सवाल उठाये जा रहे हैं. इसे लेकर नीतीश सरकार पर विपक्ष पूरी तरह हमलावर है. विपक्ष ने तत्कालीन सरकार पर बाहुबली आनंद मोहन को फंसाने का भी आरोप लगाया है. इस बीच इस पर छोटन शुक्ला के छोटे भाई और पूर्व विधायक मुन्ना शुक्ला का बयान सामने आया है. उन्होंने सवाल उठाने वालों की 'बोलती बंद' कर दी है.
बिहार में डीएम जी कृष्णैया (DM G Krishnaiah) की हत्या 5 दिसंबर को हुई थी और उसके एक दिन पहले 4 दिसंबर को छोटन शु्क्ला की हत्या हुई थी. छोटन शुक्ला के भाई और पूर्व विधायक मुन्ना शुक्ला की उस वक्त आयु महज 17 साल थी. उन्होंने इस पूरी घटना को लेकर जानकारी दी और नीतीश सरकार को कटघरे में खड़ा करने वालों को भी जवाब दिया है.
घटना के बारे में जानकारी देते हुए मुन्ना शुक्ला ने कहा कि घटना के बाद हम बड़े भाई छोटन शुक्ला की डेड बॉडी लेकर अपने गांव जा रहे थे जब गांव पहुंचे तब वहां पता चला कि छोटन शुक्ला के प्रोसेशन में डीएम जी कृष्णैया की हत्या हो गई. उन्होंने कहा कि आरोप प्रत्यारोप जो भी लगाया गया है, लेकिन तमाम लोग निर्दोष हैं. उन्होंने कहा कि आनंद मोहन ने तो अपनी पूरी सजा काट ली है.
उन्होंने कहा कि आनंद मोहन के साथ ही सभी लोग कानून के मुताबिक धीरे धीरे रिहा होते चले गए. आनंद मोहन ने अपनी पूरी सजा काट ली है. उनके साथ सभी वर्गों के लोगों की रिहाई हुई है और भी जाति के लोग हैं इसलिए मैं समझना इसे ज्यादा महत्व देने की जरूरत नहीं है, विपक्ष का काम है बोलना और वो बोल रही है. उन्होंने कहा कि कानून तो सबके लिए है मैं भी मांग कर रहा हूं कि छोटन शुक्ला की हत्याकांड का क्या हुआ ? हमें भी न्याय चाहिए.
मुन्ना शुक्ला ने सवाल किया कि इसमें केवल आनंद मोहन ही तो नहीं और दूसरी जाति और वर्ग के लोग भी रिहा हुए हैं. लिस्ट उठाकर देख लीजिये. मुन्ना शुक्ला भी मामले में प्रमुख आरोपी थे इस बारे में उन्होंने कहा कि मैं हाई कोर्ट से बरी हुआ हूं. उन्होंने कहा कि जब हत्या हुई थी उस दौरान वे अपने भाई छोटन शुक्ला के डेड बॉडी के साथ थे. उन्होंने कहा कि लोग न्याय की बात कर रहे हैं तो मैं भी कहना चाहता हूं कि छोटन शुक्ला हत्या कांड का क्या हुआ. तत्कालीन सरकार पर आनंद मोहन को फंसाने और मौजूदा सरकार द्वारा अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए उनकी रिहाई के सवाल पर मुन्ना शुक्ला ने कहा कि उस समय ये सरकार नहीं थी उस लालू जी की सरकार थी.
बता दें कि जी कृष्णैया की पत्नी ने आनंद मोहन की रिहाई पर सवाल खड़े करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, साथ पीएम मोदी से भी मामले में हस्तक्षेप की अपील की गई है.
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