गया: आनंद मोहन (Anand Mohan) की रिहाई को लेकर कहीं विरोध तो कहीं समर्थन में नेताओं के बयान आ रहे हैं. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने भी आनंद मोहन की रिहाई से पहले बयान दिया है. उन्होंने लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और जमुई से सांसद चिराग पासवान (Chirag Paswan) पर भी हमला बोला है. जीतन राम मांझी ने आनंद मोहन को लेकर कहा कि यह कानूनी प्रक्रिया के तहत रिहाई की जा रही है. इसमें सिर्फ आनंद मोहन ही नहीं बल्कि इसके अलावे भी लोग हैं. मांझी ने बुधवार (26 अप्रैल) को गया में यह बयान दिया है.
जीतन राम मांझी ने कहा कि आनंद मोहन को जो सजा मिली थी वह काट चुके थे. मांझी ने कहा- "हम व्यक्तिगत रूप से जानते हैं. आनंद मोहन कोई क्रिमिनल नहीं थे." वहीं चिराग पासवान ने गया में कहा कि सरकार का यह फैसला दलित विरोधी है इस पर जवाब देते हुए जीतन राम मांझी ने कहा कि यह सिर्फ कहने से नहीं होता है. चिराग पासवान खुद दलित विरोधी हैं यह कहें तो माना जाएगा क्या? हम भी दलित हैं. हम भी समय-समय पर दलितों के हित में सुझाव देते हैं, सरकार दलितों के हित में कार्य कर रही है.
'सजा के बाद जेल में रखना कहां का नियम?'
गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया की हुई हत्या पर कहा कि यह उचित नहीं था, लेकिन जो सजा तय की गई थी उसे पूरा किया गया. अब सजा के बाद भी जेल में रखना कहां का नियम है? जब कोर्ट द्वारा तय सजा को पूरा कर लिया तो उसके बाद बिहार सरकार ने हल्का सा संशोधन कर रिलीज करने का रास्ता साफ किया तो इसमें नहीं कह सकते हैं कि सरकार दलित विरोधी है.
2014 में ही होना चाहिए था रिलीज: मांझी
वहीं जी कृष्णैया की पत्नी उमा देवी को लेकर जीतन राम मांझी ने कहा कि इसके लिए कोर्ट का दरवाजा है. अगर कोई रास्ता है तो अपनाएं. आईएएस गुट भी कोर्ट का रास्ता अपनाए. उनकी मॉब में हत्या हुई. 2014 में ही रिलीज होना चाहिए था.
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