Anand Mohan: 'ये देखो जननायक आनंद मोहन आ रहा है', बाहुबली पूर्व सांसद ने वाशिंग पाउडर से की बीजेपी की तुलाना
Darbhanga News: बाहुबली पूर्व सांसद आनंद मोहन इन दिनों बिहार के कई जिलों का दौरा कर रहे हैं. वहीं, शनिवार को दरभंगा पहुंचे आनंद मोहन ने जमकर निशाना साधा.
दरभंगा: जेल से निकलने के बाद बाहुबली पूर्व सांसद आनंद मोहन (Anand Mohan) इन दिनों काफी सुर्खियों में हैं. शनिवार को आनंद मोहन दरभंगा पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने बीजेपी (BJP) पर तंज कसा. उन्होंने कहा कि कि देश मे एक निरमा वाशिंग पाउडर है और एक बीजेपी वाशिंग पाउडर है. एक कपड़े को साफ करता है और दूसरा नेताओ को साफ करता है. हेमंत बिस्वा (Hemant Biswa) हो अजित पवार (Ajit Pawar) हो सब चार्जशीट है, लेकिन सभी बीजेपी में जाते ही उनकी छवि साफ सुथरी हो गई. उन्होंने कहा कि अगर हम भी निकलते और कह देते कि आपकी तरफ हैं तो ये लोग कहते कि देखो जननायक आनंद मोहन आ रहा है.
दूसरी पारी समाजवाद के लिए समर्पित- आंनद मोहन
विपक्षी बैठक को लेकर आंनद मोहन ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जो विपक्षी एकता के लिए जो पहल कर रहे हैं वो देर से ही सही, लेकिन रास्ता बिल्कुल सही है. आगे उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह है कि जहां जहां विपक्ष कमजोर हुआ है. वहां वहां सरकार के द्वारा तानाशाही रवैया अपनाया गया है. ये जो मेरी दूसरी पारी है पूरी समाजवाद के लिए समर्पित है. मेरी लड़ाई टिकट के लिए बिल्कुल नहीं है. मैं बाहर आते ही कहा था मैं समाजवाद के साथ अब भी हूं और आगे भी रहूंगा. कई बार कह चुका हूं कि जब केंद्र मजबूत हो तो विपक्ष को विकलांग नहीं होना चाहिए.
राहुल गांधी को दी सलाह
वहीं, पूर्व सांसद ने कहा कि जब वह दरभंगा के एक चौक से गुजर रहे थे तो वहां कांग्रेस के द्वारा लगाए गए राहुल गांधी का एक बैनर दिखा, जिसमें राहुल गांधी के समर्थन में एक बहुचर्चित शायरी लिखी थी, जिसमें लिखा था कि हम नफरतों के बाजार में मोहब्बत का दुकान खोलने आए हैं. यह बात आनंद मोहन को खटक गई और इस बात को लेकर उन्होंने राहुल गांधी को नसीहत दी. उन्होंने राहुल गांधी पर बोलते हुए कहा कि उन्हें अच्छे सलाहकार की जरूरत है, वो कहते हैं हम नफरतों के बाजार में मोहब्बत का दुकान खोलने आए हैं. लेकिन मैं कहना चाहूंगा की दुकान नहीं बोलिए. दुकान में सौदा होता है तो दुकान खोलकर आप क्या कीजिएगा. आप प्यार, मोहब्बत का सौदा करेंगे, उनके सलाहकारों को इसलिए उनको बताना चाहिए. सुधार करना चाहिए.
'मोहब्बत तो खुदा का दूसरा रूप है'
आगे आनंद मोहन ने कहा कि नफरत का बाजार हो सकता है. नफरत की खेतीबाड़ी हो सकती है. अब इस देश में यही सब चल रहा है. मोहब्बत के लिए तो हमे बलिदान देना चाहिए. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी बलिदान का काम कर रहे हैं और नाम दुकान का दे रहे हैं. आज हमने दरभंगा में लगे बैनर में देखा जो मुझे ठीक नहीं लगा. मोहब्बत तो खुदा का दूसरा रूप है.