पटना: मोकामा के बाहुबली विधायक अनंत सिंह (RJD MLA Anant Singh) की विधानसभा सदस्यता समाप्त कर हो गई है. अनंत सिंह के घर से एके-47 और हैंड ग्रेनेड मिलने के मामले में एमपी/एमएलए कोर्ट ने उन्हें 10 साल की सजा सुनाई है. कोर्ट के फैसले की कॉपी विधानसभा कार्यालय को मिलने के बाद उनकी सदस्यता समाप्त कर दी गई. वहीं, अनंत सिंह की विधायकी समाप्त होने से आरजेडी को बड़ा झटका लगा है. अब बिहार विधानसभा में आरजेडी विधायकों की संख्या 80 से घटकर 79 हो गई है. वहीं, पिछले चार वर्षों में बिहार विधानसभा की सदस्यता खोने वाले अनंत सिंह तीसरे आरजेडी विधायक हैं.


इससे पहले 27 दिसंबर 2018 को बिहार विधानसभा ने नवादा के विधायक राजबल्लभ यादव की भी सदस्यता समाप्त कर दी थी, जब उन्हें एक नाबालिग से बलात्कार के एक मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी. वहीं, नवंबर 2018 में पार्टी के वरिष्ठ विधायक और पूर्व मंत्री इलियास हुसैन की भी विधायकी समाप्त कर दी गई. उन्हें सीबीआई अदालत ने करोड़ों रुपये के कोलतार घोटाले में दोषी ठहराया था और पांच साल की कैद की सजा सुनाई गई थी. इसके बाद उनकी विधायकी चली गई.


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बीजेपी के भी इस विधायक की समाप्त हुई सदस्यता


वहीं, इस लिस्ट में बीजेपी के भी एक विधायक का नाम शामिल है, जिनपर साल 1998 में सीतामढ़ी कलेक्ट्रेट पर हमले और बाद में गोलीबारी में शामिल होने के लिए 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है. इस केस में बीजेपी विधायक राम नरेश प्रसाद यादव को साल 2015 में दोषी ठहराए गया था, जिसके बाद उन्हें अपनी विधानसभा सदस्यता खोनी पड़ी. हालांकि, उनकी पत्नी गायत्री देवी वर्तमान में सीतामढ़ी में परिहार सीट से विधायक हैं.


51 प्रतिशत विधायकों के खिलाफ दर्ज है गंभीर मामले


बता दें कि 2020 के बिहार विधानसभा चुनावों के बाद एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की एक रिपोर्ट के अनुसार, 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में सभी दलों के 241 नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों में से 163 (68%) ने आपराधिक मामले घोषित किए थे. अध्ययन के अनुसार, यह आंकड़ा 2015 से अधिक था. 2015 में 142 (58%) विधायकों ने आपराधिक मामले घोषित किए थे. रिपोर्ट में कहा गया है कि 2020 में गंभीर आपराधिक मामलों की घोषणा करने वाले उम्मीदवारों की संख्या 123 (51%) थी, जिसमें 19 पर हत्या के मामले दर्ज थे, जबकि 31 में हत्या के प्रयास और महिलाओं के खिलाफ आठ अपराध शामिल थे. वहीं, 2015 में गंभीर आपराधिक मामले घोषित करने वाले विधायकों की संख्या 98 थी.


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