Anant Singh History: बिहार के बाहुबली नेता अनंत सिंह की 'अनंत कथा', जुर्म की दुनिया से बन गए 'छोटे सरकार'
Anant Singh Full Story: एके-47 और हैंड ग्रेनेड मामले में बिहार के बाहुबली नेता अनंत सिंंह और उनके नौकर को एमपी-एमएलए कोर्ट ने 10-10 साल की सजा सुनाई है. जानिए उनका इतिहास.
Chhote Sarkar Anant Singh: एके-47, मैगजीन और हैंड ग्रेनेड मामले में बिहार के बाहुबली नेता अनंत सिंंह को आज विशेष कोर्ट से 10 साल की सजा हुई है. उनके साथ उनके नौकर को भी 10 साल की सजा सुनाई गई है. एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष जज त्रिलोकी नाथ दुबे ने यह फैसला सुनाया है. बिहार के इस बाहुबली नेता अनंत सिंह की कथा भी अनंत है. आपराधिक इतिहास पुराना रहा है. दबंग छवि वाले अनंत सिंह ने अपराध जगत में ऐसे एसे काम किए कि 'छोटे सरकार' से उन्हें लोग जानने लगे. आइए उनके इतिहास के बारे में जानते हैं.
पहली बार 1979 में दर्ज हुआ हत्या का मामला
अनंत सिंह बाढ़ के लदमा गांव के रहने वाले हैं. आज स्थिति ये है कि हत्या समेत कई मामलों में उनके नाम जुड़ चुके हैं. विधानसभा चुनाव के समय दिए गए अनंत सिंह के शपथ पत्र के अनुसार 1979 में पहली बार हत्या मामले में वे आरोपित बने थे. उनके खिलाफ प्रदेश के अलग-अलग थानों में कई मामले दर्ज हैं.
2005 में पहली बार मोकामा से मिली थी जीत
साल 2005 में मोकामा विधानसभा से चुनाव जीतकर अनंत सिंह पहली बार विधानसभा पहुंचे. उस वक्त मोकामा और आसपास के पूरे इलाके में उनकी चलती थी. धाक इतनी कि इसके बाद वे यहां से लगातार चुनाव जीतते रहे. 2020 का चुनाव भी उन्होंने यहीं से जीता था. अनंत सिंह पहले सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के साथ थे. बाद में वे उनसे दूर हो गए और अभी आरजेडी में यानी लालू प्रसाद यादव की पार्टी में हैं.
इलाके के लोग कहते हैं 'छोटे सरकार'
अनंत सिंह को उनके विधानसभा क्षेत्र मोकामा के लोग 'छोटे सरकार' कहते हैं. हालांकि पूरे राज्य में अब उनका ये नाम काफी प्रचलित है. ऐसा कहा जाता है कि उनके इलाके में उनकी बात सभी लोग मानते हैं इसलिए लोग प्यार से 'छोटे सरकार' कहते हैं. इतना ही नहीं बल्कि अनंत सिंह पर दो भी बार जानलेवा हमला भी हो चुका है. हालांकि दोनों बार उनकी किस्मत अच्छी रही और वे बाल-बाल बच गए.
अनोखा है अनंत सिंह के जीने का तरीका
अनंत सिंह का जीने के तौर-तरीकों को देखें तो ये अनोखा है. ड्रेसिंग सेंस और उनका अंदाज अलग है. वह बग्घी की सवारी भी खूब करते हैं. टोपी का उन्हें शौक है. चश्मा तो अक्सर लगाए रहते हैं. उन्हें जानवरों को पालना भी अच्छा लगता है. साल 2013 में अनंत सिंह उस वक्त चर्चा में आए थे जब उन्होंने अपनी मर्सडीज कार छोड़कर बग्घी की सवारी की और वे विधानसभा पहुंचे. फिलहाल कई आपराधिक मामलों में वो पटना के बेऊर जेल में बंद हैं और सजा काट रहे हैं.
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