पटना: बिहार विधानसभा के बजट सत्र का आज अंतिम दिन था. हालांकि, कल की घटना की तपिश आज भी देखने को मिली. विपक्ष के विधायकों ने सदन की कार्यवाही का बहिष्कार कर दिया और विधानसभा सभा के बाहर धरने पर बैठे रहे. विपक्ष के विधायकों की मांग थी कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कल की घटना के लिए मांफी मांगें. वहीं, विधायकों के साथ बदसलूकी और मारपीट करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई करें. ऐसा नहीं करने पर वे सदन का बहिष्कार करेंगे.


इसी क्रम में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने पत्रकारों से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा, " निर्लज्ज कुमार को कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है. वो बैसाखी पर चल रहे हैं. इस कानून के तहत कल पूर्व मुख्यमंत्री को भी पीटा जाएगा. समय मांगते रहे, लेकिन हमें बोलने नहीं दिया गया. अगर कानून सही है तो सामने आ जाए और बहस बहस, नहीं तो चूड़ियाँ पहन कर बैठें."


तेजस्वी ने कहा, " लोहिया जयंती और भगत सिंह के शहादत दिवस पर बिहार विधानसभा में काला कानून पेश किया गया. विधायकों को नीतीश कुमार के इशारे पर लात-घूंसे से पीटा गया. महिला विधायकों की साड़ी खुलवाने और भद्दी गालियां दिलाने का काम किया गया. पूरा देश नीतीश कुमार पर थू-थू कर रहा है. देश नीतीश कुमार से सवाल कर रहा है."


उन्होंने सीएम नीतीश को नसीहत देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री को जानना चाहिए कि सरकार आने-जाने की चीज है. वो सी ग्रेड की पार्टी के सी ग्रेड नेता हैं. खुद अनुकंपा पर आए हैं. वो जान लें कि कोई पर्मानेंट कुर्सी पर बैठने वाले नहीं है.


तेजस्वी ने कहा, " हमारा काम है विरोध करना और हम सच्चाई के लिए कर रहे हैं. एक महीने तक सदन में तथ्यपूर्ण बातें रखीं, एक का जवाब नहीं मिला. पूरी तरह अफसरशाही है. खुद को ज्ञान नहीं है, जो अधिकारी बोलते हैं, वो ही करते हैं. पुलिस का बिल है और पुलिस ने जबरदस्ती पास कराया है. इस बिल का बिंदुवार जवाब देंगे."


नेता प्रतिपक्ष ने कहा, " अधिकारियों पर अगर कार्रवाई नहीं की गयी और नीतीश कुमार ने कल की घटाना के लिए माफी नहीं मांगी तो हम विचार कर रहे हैं कि अगले पांच साल तक हम विधानसभा नहीं जाएंगे. जिस हंगामे की पूरे देश में चर्चा हुई, उसके बाद भी डिनर पार्टी और सांस्कृतिक कार्यक्रम करते हैं.


उन्होंने कहा कि विधानसभा की गरिमा को तार-तार किया गया. जबर्दस्ती की गयी. विधानसभा उपाध्यक्ष पद के चुनाव के संबंध में उन्होंने कहा कि बिना विपक्ष के चुनाव हो गया. कोई और सत्ता में बैठेगा तो इसी का हवाला देंगे. नीतीश कुमार को ख़ुशी हो रही होगी, जब विधानसभा में भी महिलाओं की साड़ी खोल दी गयी, ब्लाउस में हाथ डाल कर घसीटा गया, मां-बहन की गालियां दी गईं.


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