आरा: बिहार में इन दिनों कोरोना संक्रमण काफी तेजी से फैल रहा है. रोजाना हजारों की संख्या में नए कोरोना संक्रमित मरीज मिल रहे हैं. लेकिन हैरानी की बात यह है कि ऐसी स्थिति में भी सूबे में कोरोना मरीजों का इलाज भगवान भरोसे है. कोरोना संक्रमित मरीजों को न तो भोजन मिल रहा और न ही इलाज की व्यवस्था की जा रही है.


बिहार के आरा में कोरोना मरीजों के इलाज में लापरवाही चरम पर है. जिससे नाराज होकर आरा सदर अस्पताल के कोरोना वार्ड में भर्ती मरीजों ने रविवार को जमकर बवाल काटा. वार्ड में भर्ती मरीजों ने अस्पताल प्रबंधन पर कुव्यवस्था का आरोप लगाते हुए अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ जमकर हंगामा किया और नारे लगाए.


कोरोना वार्ड में भर्ती मरीजों के मुताबिक उन्हें इस वार्ड में भर्ती तो कर लिया गया है लेकिन ना तो समय पर गर्म पानी मिलता है और ना ही नाश्ता और ना भोजन. हंगामा कर रहे मरीजों ने कहा कि नाश्ता और भोजन समय पर मांगने पर कोई नहीं सुनता. ऐसे में उन्होंने होम आइसोलेशन में भेजने की मांग करते हुए काफी देर तक हंगामा किया. हंगामा कर रहे मरीजों के मुताबिक अस्पताल प्रबंधन की वजह से सबसे ज्यादा महिला मरीजों को समस्या हो रही है, बावजूद इसके कोई सुनने वाला नहीं है.


कोरोना मरीजों के हंगामे की खबर सुन सदर अस्पताल अधीक्षक डॉ. सतीश कुमार सिन्हा मौके पर पहुंचे और सभी मरीजों को समय पर सारी सुविधाएं देने का आश्वासन देते हुए हंगामा शांत कराया. वहीं इस दौरान वैसे भर्ती मरीजों को उनके घर भेज दिया गया जिनकी रिपोर्ट नेगेटिव हो गई थी. आरा में ये कोई नहीं बात नहीं इसके पहले भी कई बार कुव्यवस्था को लेकर कोरोना मरीज सड़क जाम और आइसोलेशन वार्ड में हंगामा भी कर चुके है. इसके बावजूद भी अस्पताल प्रशासन की नींद भी अभी तक नहीं खुली है.