समस्तीपुर: बिहार स्वास्थ्य विभाग अपने अजीबोगरीब कारनामों के लिए अक्सर सुर्खियों में बना रहता है. चाहे एक व्यक्ति के 11 बार वैक्सीन लेने का मामला हो या बिना जांच करवाए कोरोना रिपोर्ट मिलने का. विभाग के कारनामों की लिस्ट लंबी है. ऐसा ही एक मामला प्रदेश के समस्तीपुर जिले में उजागर हुआ है, जहां छात्रा ने कोरोना वैक्सीन की फर्स्ट डोज लेने के लिए कोविन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराया था. लेकिन बिना सुई लिए ही उसके सीतामढ़ी ने वैसिनेट होने की जानकारी दर्ज कर पोर्टल पर सर्टिफिकेट अपलोड कर दिया गया.
10 जनवरी मोबाइल पर आया मैसेज
प्राप्त जानकारी के अनुसार उजियारपुर थाना क्षेत्र के चांदचौर मथुरापुर निवासी आनंद कुमार की बेटी नंदनी प्रिया (17 वर्ष) जो बीए पार्ट वन की छात्रा है, ने वैक्सीन की पहली डोज लेने के लिए कोविन पोर्टल पर अपना निबंधन कराया था. लेकिन विभाग की लापरवाही के कारण दूसरे जिला सीतामढ़ी के रीगा केन्द्र से बिना कोविड वैक्सीन लिए 10 जनवरी को उसके मोबाइल पर सुई लेने का सर्टिफिकेट भेज दिया गया. इसको लेकर छात्रा के परिजनों ने सिविल सर्जन सीतामढ़ी, बिहार राज्य स्वास्थ्य समिति सहित सीएम नीतीश कुमार को आवेदन देते हुए न्याय की गुहार लगाई है.
नाराज छात्रा ने कही ये बात
इस संबंध में छात्रा नंदनी प्रिया का कहना है कि बिना सुई लिए ही प्रमाण पत्र भेजा जाना बड़ी लापरवाही व फर्जीवाड़ा को दर्शाता है. मैं उजियारपुर में रहती हूं और सीतामढ़ी जिला जाने का कोई प्रश्न ही नहीं उठता है, तो कैसे मुझे दिनांक 10 जनवरी को कोविड वैक्सीन लगा दी गई. इस तरह के फर्जी प्रमाण पत्र जारी कर देश के सामने गलत आकड़ा प्रस्तुत करना आम जनता को धोखा देने जैसा है. कुछ स्वार्थी स्वास्थकर्मी एक सोची समझी साजिश के तहत इस तरह का काम कर रहे हैं.
छात्रा ने कहा कि उसके आधार नंबर का दुरुपयोग कर उसे कोविड वैक्सीन लेने से वंचित करने का काम किया है. ऐसे में इस मामले की उच्चस्तरीय जांच कराकर दोषियों पर आवश्यक कार्यवाई करते हुए जारी प्रमाण पत्र को रद्द करने की कार्रवाई की जाए.
यह भी पढ़ें -