पुलिसिया कार्यशैली से नाराज RTI कार्यकर्ता की पत्नी ने की आत्महत्या की कोशिश, गुस्साए लोगों ने जमकर किया हंगामा
स्थानीय लोगों की मानें तो कुछ लोगों ने अवैध तरीके से जमीन को अतिक्रमण कर रखा था. इसी बात का खुलासा विपिन अग्रवाल ने किया था. इसके बाद उनकी हत्या कर दी गई थी.
![पुलिसिया कार्यशैली से नाराज RTI कार्यकर्ता की पत्नी ने की आत्महत्या की कोशिश, गुस्साए लोगों ने जमकर किया हंगामा Angry with police style, RTI worker's wife tried to commit suicide, angry people created a ruckus in motihari ann पुलिसिया कार्यशैली से नाराज RTI कार्यकर्ता की पत्नी ने की आत्महत्या की कोशिश, गुस्साए लोगों ने जमकर किया हंगामा](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2021/10/16/065a3d0355581ed9960c7d2e26bf0c5d_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
मोतिहारी: बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में बीते दिनों अपराधियों ने आरटीआई कार्यकर्ता विपिन अग्रवाल की हत्या कर दी थी. घटना को 22 दिन बीत चुके हैं. लेकिन अब तक पुलिस मामले की गुत्थी सुलझा नहीं पाई है. केवल कुछ लोगों गिरफ्तार कर जेल भेज कर मामले में खानापूर्ति कर दी गई है. इस बात से नाराज मृतक की पत्नी मोनिका देवी ने शनिवार को पुलिस के समक्ष ही अपनी कलाई की नस काट ली. हालांकि, पुलिस ने महिला के आत्महत्या के प्रयास को विफल कर दिया.
स्थानीय लोगों ने जमकर किया हंगामा
इधर, इस घटना से नाराज परिजनों व स्थानीय लोगों ने सड़क जाम कर पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन किया. घटना हरसिद्धि थाना क्षेत्र के हरसिद्धि बजार की है. मृतक आरटीआई कार्यकर्त्ता विपिन अग्रवाल के परिजनों का आरोप है कि पुलिस मामले में गंभीरतापूर्वक कार्रवाई नहीं कर रही. इसी का नतीजा है कि मुख्य अभियुक्त अब भी पुलिस की गिरफ्त से बहार हैं. बताया जाता है कि इस हत्या के पीछे का कारण जमीन विवाद है.
स्थानीय लोगों की मानें तो कुछ लोगों ने अवैध तरीके से जमीन को अतिक्रमण कर रखा था. इसी बात का खुलासा विपिन अग्रवाल ने किया था. इसके बाद उनकी हत्या कर दी गई थी. हालांकि, कुछ दिन पहले अतिक्रमण वाले जमीन पर बने पेट्रॉल पम्प को प्रशासन द्वारा सील कर दिया गया है. लेकिन प्रशासन उस जमीन को अबतक अतिक्रमण मुक्त नहीं करा पाई है, जिसको लेकर आरटीआई कार्यकर्त्ता द्वारा बार-बार आवाज उठाई जा रहा थी.
बीजेपी नेता से की पूछताछ
मालूम हो कि पुलिस का भी मानना है कि कुछ बड़े स्थानीय व्यवसायियों ने मिलकर विपिन अग्रवाल के आवाज को हमेशा के लिये बंद करवा दिया है. इसी बिंदु पर अनुसंधान करते हुए पुलिस ने एक बड़े व्यवसायी और बीजेपी के नेता को हिरासत में लेकर पूछताछ की थी. फिर पीआर बॉन्ड भरवा कर उन्हें छोड़ दिया था.
बहरहाल इस पूरे घटनाक्रम में परिवार वालों ने नामजद मामला दर्ज नहीं कराया है. ऐसे में पुलिस अभी अनुसंधान कर ही रही है. बावजूद इसके पीड़ित परिवार का गुस्सा पुलिस के प्रति फूट गया और वे सड़क पर उतर प्रदर्शन करने लगे. वे मौके पर एसपी और डीएम को बुलाने की मांग कर रहे थे. इस बीच स्थानीय थाना पुलिस ने मौके पर पहुंच कर आक्रोशित लोगों को शांत करा दिया.
यह भी पढ़ें -
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![रुमान हाशमी, वरिष्ठ पत्रकार](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/e4a9eaf90f4980de05631c081223bb0f.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)