(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
थानाध्यक्ष हत्याकांड: पुलिसकर्मियों की 'हत्या' के लिए मस्जिद से अनाउंसमेंट कर जुटाई गई थी भीड़
मनीष के अनुसार, आरोपी जाकिर के करीब 20 परिजन घर से बाहर आए और उन सभी ने अचानक हल्ला करना शुरू कर दिया. ग्रामीणों को बुलाने के लिए मस्जिद में लगे लाउड स्पीकर से घोषणा की गई. ऐसे में अचानक वहां 500 से अधिक लोग चाकू, तलवार, लाठी, लोहे की छड़ आदि जैसे घातक हथियारों से लैस होकर इकट्ठा हो गए.
पटना: बंगाल के पांजीपाड़ा गांव में 9 मार्च की रात छापेमारी करने गई बिहार के किशनगंज जिले के टाउन थाने की पुलिस पर ग्रामीणों ने हमला बोल दिया था. इस घटना में सर्किल इंस्पेक्टर समेत सात पुलिसकर्मियों ने भाग कर जान बचाई थी. जबकि किशनगंज एसएचओ अश्विनी कुमार की ग्रामीणों ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. इस घटना के बाद प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया था. पूर्णिया आईजी ने मामले में कार्रवाई करते हुए सर्किल इंस्पेक्टर मनीष कुमार समेत 7 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया था.
बाइक लूट की सूचना पर पहुंची थी पुलिस
हालांकि, घटना के अगले ही दिन सर्किल इंस्पेक्टर मनीष कुमार की ओर से पांजीपाड़ा थाने में जो आवेदन दिया गया था, वो आज सामने आया है. आवेदन में मनीष कुमार ने 9 अप्रैल की रात की पूरी सच्चाई बताई है. उन्होंने बताया कि घटना वाली रात जिले के ढ़ेकसारा मुख्य रोड पर हुई बाइक लूट की घटना की सूचना पाकर किशनगंज टाउन थानाध्यक्ष अश्विनी कुमार मौके पर पहुंचे थे और मामले की जांच की थी.
जांच के दौरान पीड़ित मुस्फीक आलम ने बताया था कि बाइक की रोशनी में उसने लूट में शामिल अपराधी की पहचान मो.जाकीर के रूप में की है, जिसके बाद थानाध्यक्ष ने सर्किल इंस्पेक्टर किशनगंज को दलबल के साथ घटनास्थल बुलाया था और उक्त टीम के साथ आरोपी के गांव में छापेमारी की थी.
डाकू कहकर पुलिसकर्मियों पर किया हमला
हालांकि, वहां जाकर टीम को पता चला कि आरोपी अपने ससुराल पांजीपाड़ा में है. ऐसे में उक्त टीम ने पांजीपाड़ा थाना पहुंचकर स्थानीय पुलिस से जांच पड़ताल में सहयोग करने का अनुरोध किया. वहीं, दूसरी टीम अपराधी का पीछा करते हुए उसके गांव पहुंचकर छानबीन करने लगी. जांच पड़ताल के क्रम में जाकीर के ससुराल वालों और ग्रामीणों ने डाकू कहकर पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया.
मनीष के अनुसार, आरोपी जाकिर के करीब 20 परिजन घर से बाहर आए और उन सभी ने अचानक हल्ला करना शुरू कर दिया. ग्रामीणों को बुलाने के लिए मस्जिद में लगे लाउड स्पीकर से घोषणा की गई. ऐसे में अचानक वहां 500 से अधिक लोग चाकू, तलवार, लाठी, लोहे की छड़ आदि जैसे घातक हथियारों से लैस होकर इकट्ठा हो गए और सभी रिश्तेदारों को आरोपी मो. जाकिर ने पुलिसकर्मियों को मारने का निर्देश दिया.
मनीष की मानें तो, जाकिर के आदेश के बाद लोगों ने उनपर हमला कर दिया. ऐसे में वो किसी तरह वहां से जान बचाकर भागे. लेकिन इस दौरान एसएचओ वहीं फंस गए. इधर, बिहार पुलिस की टीम पांजीपारा थाना पुलिस के साथ मौके पर पहुंची तो देखा कि अश्विनी कुमार अत्यधिक घायल अवस्था में पड़े हुए हैं. इसके बाद उन्हें इलाज के लिए इस्लामपुर सदर अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गयी.
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