RJD के रवैये से नाराज CPI-ML ने जनता से की अपील, कहा - मौजूदा सरकार को उखाड़ फेंकने की करें तैयारी
कॉमरेड दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि पिछले लोकसभा चुनाव में जिस प्रकार का तालमेल हुआ था और उसके जो अनुभव हैं, उसने स्पष्ट कर दिया है कि सीपीआई-एमएल और अन्य वाम दलों को उचित जगह दिए बिना कोई कारगर विपक्षी एकता नहीं बन सकती.
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर शुक्रवार को सीपीआई-एमएल के महासचिव कॉमरेड दीपंकर भट्टाचार्य ने प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की, जिसमें उन्होंने सत्ता पक्ष को जमकर घेरा. वहीं महागठबंधन में मतभेद की स्थिति और आरजेडी के रवैये को लेकर भी अपना पक्ष रखा. पीसी के दौरान उन्होंने कहा, "बीजेपी-जदयू की चुनाव में करारी हार सुनिश्चित करने के लिए जनता विपक्ष की व्यापक और कारगर एकता चाहती है, ताकि जनता का आक्रोश संगठित हो सके. लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस ओर में अबतक कोई बड़ी प्रगति नहीं हो सकी है."
आरजेडी का रवैया सही नहीं
कॉमरेड दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि पिछले लोकसभा चुनाव में जिस प्रकार का तालमेल हुआ था और उसके जो अनुभव हैं, उसने स्पष्ट कर दिया है कि सीपीआई-एमएल और अन्य वाम दलों को उचित जगह दिए बिना कोई कारगर विपक्षी एकता नहीं बन सकती. बीजेपी-जेडीयू के खिलाफ निर्णायक गोलबंदी इसके बिना संभव ही नहीं है. लेकिन तालमेल को लेकर अभी तक आरजेडी का जो रुख और प्रस्ताव है, वह जनता की भावना और राजनीतिक जरूरत से मेल नहीं खाती है.
एनडीए सरकार को उखाड़ फेंकने की करें तैयारी
उन्होंने कहा, " विपक्षी दलों के बीच कारगर तालमेल नहीं होने की स्थिति में सीपीआई-एमएल की बिहार की जनता से अपील है कि ऊपर के स्तर पर जारी गतिरोध को दरकिनार कर नीचे के स्तर पर जनता के विभिन्न हिस्सों और नीचे के आंदोलनों का मोर्चा बनाएं और विश्वासघाती एनडीए सरकार को उखाड़ फेंकने की तैयारी करें."
मोदी सरकार सच्चाई से भाग रही
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार देश की सच्चाई और वास्तविक स्थितियों से भाग रही है. लॉकडाउन की मार झेल रहे प्रवासी मजदूरों, कोविड के खिलाफ अगली कतार में खड़े डॉक्टर और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की न्यूनतम मांगों, भयानक बेरोजगारी की मार झेलते करोड़ों बेरोजगारों, कर्ज माफी के सवाल पर आंदोलित महिलाओं-किसानों के सवालों-मांगों, स्कीम वर्करों और देश की अन्य दूसरी सच्चाई का सरकार के पास कोई जवाब नहीं है. इसलिए उन्होंने संसद सत्र में कोई प्रश्नकाल ही नहीं रखा."
सरकार सच्चाई पर डाल रही पर्दा
उन्होंने कहा कि संसद सत्र के पहले दिन 26 सांसदों के कोविड संक्रमित होने, अब तक कई राजनेताओं-अधिकारियों की मौत के बाबजूद भी बिहार में इलेक्शन कराने पर बीजेपी-जेडीयू अड़ी हुई है. यह जनता के जीवन से खिलवाड़ नहीं तो और क्या है? बिहार में कोरोना का लगातार विस्फोट हो रहा है और सरकार झूठे आंकड़ा देकर सच्चाई पर पर्दा डालने की कोशिश कर रही है. छात्रों-अभिवावकों के जबरदस्त विरोध के बावजूद मोदी सरकार ने छात्रों को परीक्षा में धकेल दिया. फासीवादी मोदी शासन के ही नक्शे पर चलते हुए नीतीश सरकार भी इस कोविड काल में छात्रों की परीक्षा लेने पर अड़ी है.
बीजेपी-जेडीयू हड़प लेना चाहती है चुनाव
कॉमरेड दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कहा कि बिहार चुनाव को लॉकडाउन की आड़ में करा कर बीजेपी-जेडीयू हड़प लेना चाहती है. लेकिन, बिहार की जनता इस साजिश को समझ चुकी है और इसका मुहतोड़ जवाब देगी. यह चुनाव जनविरोधी और गद्दार सरकार को सत्ता से बेदखल करने का अभियान होगा.