कैमूर: बिहार ट्रक ऑनर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष भानु शेखर प्रसाद सिंह सोमवार को कैमूर पहुंचे, जहां उन्होंने 20 सूत्री मांगों को लेकर 14 सितंबर से होने वाले अनिश्चितकालीन चक्का जाम के लिए ट्रक मालिकों से समर्थन मांगा. इस संबंध में जानकारी देते हुए बिहार ट्रक ऑनर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष भानू शेखर प्रसाद सिंह ने बताया कि बिहार सरकार बिहार के ट्रक मालिकों को एटीएम कार्ड समझती है.


उन्होंने कहा, " सभी प्रदेशों में टैक्स में राहत दिया गया लेकिन बिहार में कोई राहत नहीं मिला. नए कानून में सभी राज्यों ने सुधार किया, लेकिन बिहार सरकार ने कोई सुधार नहीं किया गया. बिहार को छोड़कर सभी राज्यों में डीजल का दाम आठ से नौ रुपये प्रति लीटर कम है, लेकिन बिहार में ट्रक मालिकों को एटीएम कार्ड समझा जाता है कि, एटीएम का कार्ड डालो और पैसा निकाल लो."


उन्होंने कहा, " सरकार की ओर से ट्रक मालिकों को कोई सुविधा और प्रोत्साहन नहीं मिला. ट्रक मालिक को पुलिस, परिवहन और खनन तीनों विभाग के लोग लूट रहे हैं. हम ओवरलोड चलना नहीं चाहते हैं, लेकिन यह लोग हम लोगों को ओवरलोड चलवा कर लूटते हैं. सालाना टैक्स जितना सरकार को मिलता है, उससे अधिक सरकार को अवैध कमाई आता है."


उन्होंने कहा, " ट्रकों को इंट्री कराने वाले मोटी-मोटी सोने की चेन पहन लेते हैं. सरकारी कर्मचारी और सरकारी बाबू दिन पर दिन करोड़पति हो रहे हैं. ये लोग बड़े-बड़े शहरों में जमीन खरीद रहे हैं और ट्रक मालिक रो रहे हैं. ट्रक मालिकों के पास बच्चों के पढ़ाने भर पैसे नहीं रह गए हैं. बिहार के मुख्यमंत्री का क्या यही नियम है कि ट्रकों को ओवरलोड चलवा कर बिहार के करोड़ों का पुल तुड़वा देते हैं."


उन्होंने कहा, " यह कैसा विकास है, 15 साल से मनमानी व्यवस्था हो गई है. त्रस्त होकर बिहार सरकार के दमनात्मक रवैये की वजह से हम लोगों ने एकजुट होकर 14 सितंबर को सुबह 6 बजे से अनिश्चितकालीन ट्रकों का चक्का जाम करेंगे. हमें सरकार से अब उम्मीद नहीं रह गई है. इसलिए हम मीडिया के पास आए हैं कि हमें न्याय मिले. हमारी 20 मांगे हैं जब तक सभी मांगे पूरी नहीं होती है तबतक हमलोग अपना फैसला वापस नहीं लेंगे."


उन्होंने बताया कि हमने चीफ सेक्रेटरी और परिवहन विभाग के सभी पदाधिकारियों से स्टेट लेवल पर बात की लेकिन कोई रिस्पांस नहीं मिला. हमने पहले भी चक्का जाम करने का प्रयास किया था, लेकिन आश्वासन देकर हमें रुकवा दिया गया. फिर भी मांगें पूरी नहीं हुईं. ऐसे में हम लोग फिर से चक्का जाम के लिए मजबूर हो गए हैं. बिहार के सभी जिलों से हमें समर्थन मिला है और हमारा चक्का जाम सफल होगा.