नालंदा: जिले में बीपीएससी चयनित अध्यापकों (BPSC Teacher News) के पहली चरण में बहाली प्रक्रिया में फर्जी तरीके से नौकरी लेने वाले 31 शिक्षकों की नियुक्ति रद्द कर दी गई है. शुक्रवार को जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय से इसकी सूचना सार्वजनिक की गई है. इसमें सबसे बड़ी बात यह है कि इन शिक्षकों का कॉउंसिलिंग के बाद विद्यालय में पदस्थापन भी कर दिया गया था, जब विद्यालय में योगदान करने गए फिर जांच की गई तो वांछित योग्यता पेपर नहीं मिला. इसके बाद योगदान नहीं करने दिया गया. जांच टीम के द्वारा जिला कार्यालय से संपर्क किया गया. इसके बाद इन अभ्यर्थियों के वांछित योग्यता से संबंधित सर्टिफिकेट की जांच कराई गई थी. जांच में योग्यता में काफी गड़बड़ी मिली फिर इन सभी अध्यापकों की नियुक्ति को रद्द कर दिया गया है.
विभाग के आंख में धूल झोंका जा रहा था
बताया यह जा रहा है कि नियुक्ति रद्द अभ्यर्थियों में किसी ने एसटीईटी, टीईटी क्वालिफाई नहीं किया था तो किसी ने स्नातक में संबंधित विषय में ऑनर्स नहीं किया. सबसे आश्चर्य तो बीएड बिना उत्तीर्ण किए बीपीएससी ने अभ्यर्थी का रिजल्ट जारी कर दिया. नौकरी करने की मंशा से विभाग के आंख में धूल झोंका जा रहा था. अब सवाल उठता है कि इन अभ्यर्थियों को एडमिट कार्ड कैसे जारी कर दिया जो वांछित योग्यता ही नहीं रखते हैं.
बारीकी से जांच करने पर गड़बड़ी मिली- डीईओ
इस मामले को लेकर डीईओ जियाउल होदा खां ने बताया है कि विद्यालय अध्यापक अभ्यर्थियों के शैक्षणिक, प्रशैक्षणिक और अन्य सर्टिफिकेट की बारीकी से जांच की गई तो जांच में गड़बड़ी पाए जाने वाले विद्यालय अध्यापकों की नियुक्ति को रद्द कर दिया गया है. जिले के चयनित 2220 में से 2063 विद्यालय अध्यापकों को नियुक्ति और पदस्थापना पत्र दिया गया था.
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