Bihar News: अररिया में पिछले सप्ताह 'रहस्यमयी' बीमारी के कारण पांच बच्चों की मौत के मामले में स्वास्थ्य विभाग ने इस प्रकोप से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं. हालांकि मौत के कारण की अब तक पुष्टि नहीं हुई है. मरने वाले बच्चों में अंकुश कुमार (3 महीने), गौरी कुमारी (8), रौनक कुमार (4) और दो अन्य शामिल हैं. इन्होंने रानीगंज ब्लॉक स्थित चिरवा रहिका टावर टोला गांव में दम तोड़ दिया था.
सिविल सर्जन डॉ. केके कश्यप का कहना कि इस बीमारी से पीड़ित अन्य बच्चों का इलाज अररिया के सदर अस्पताल में चल रहा है. तीन अन्य बच्चों का इलाज पूर्णिया मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि बच्चे ठीक हो रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग ने इस प्रकोप से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं. गांव में ब्लीचिंग पाउडर से सैनिटाइज किया गया. इसके साथ ही स्वास्थ्य टीम तैनात है. चिकनगुनिया के संदेह को देखते हुए विभाग ने अलर्ट बढ़ा दिया है.
'चिकनगुनिया के कारण मौत हुई इसकी पुष्टि नहीं'
बीमारी को लेकर पटना स्वास्थ्य विभाग की एक टीम भी जिला चिकित्सा अधिकारियों के साथ मौके पर भी तैनात है. बीमारी के कारण का पता लगाने के लिए मरीजों और निवासियों दोनों से रक्त के नमूने एकत्र किए गए हैं. सिविल सर्जन ने कहा, "प्रारंभिक परिणामों में कुछ नमूनों में चिकनगुनिया वायरस का पता चला है, लेकिन अभी तक कोई अन्य वायरस नहीं मिला है. अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि ये मौतें चिकनगुनिया के कारण हुई हैं. कुछ के परिणाम अभी आने बाकी हैं."
डॉ. कश्यप ने कहा, ''हमारी टीम ने जांच के लिए गांव से मच्छरों के लार्वा एकत्रित किए हैं. स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है और जरूरत पड़ने व्यक्ति को उच्च चिकित्सा सुविधाएं देने के लिए एंबुलेंस को तैयार रखा गया है. अररिया को छोड़कर राज्य में चिकनगुनिया के मामले सामने नहीं आए हैं. स्थानीय और पटना स्वास्थ्य विभाग की टीम चिकनगुनिया और अन्य संभावित कारणों की जांच के लिए हाई अलर्ट पर है.
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