Arif Mohammad Khan: बिहार के नए राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान (Arif Mohammad Khan) बनाए गए हैं. इससे पहले वो केलर के राज्यपाल थे. वहीं बिहार के राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर को केरल का गवर्नर बनाया गया है. इसके अलावा बिहार से सटे राज्य ओडिशा के राज्यपाल पद से रघुबर दास का इस्तीफा स्वीकार किया गया है. उनकी जगह अब हरिबाबू को राज्यपाल बनाया गया है.  केरल के पूर्व गृह सचिव अजय कुमार भल्ला को मणिपुर का राज्यपाल नियुक्त किया गया है. 


कौन हैं आरिफ मोहम्मद खान?


आरिफ मोहम्मद खान का जन्म 18 नवम्बर 1951 को उत्तर प्रदेश के बुलन्दशहर में हुआ था, उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से बी.ए. (ऑनर्स) (1972-73) और लखनऊ विश्वविद्यालय, उत्तर प्रदेश से एलएलबी (1977) प्राप्त किया. उन्होंने ने अपना राजनीतिक जीवन एक छात्र नेता के रूप में शुरू किया और 1972-73 के दौरान महासचिव और 1973-74 के दौरान अध्यक्ष के रूप में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय छात्र संघ का नेतृत्व किया. वह 1977 में 26 साल की उम्र में सियाना निर्वाचन क्षेत्र, बुलंदशहर से उत्तर प्रदेश विधान सभा के सदस्य बने.


आरिफ मोहम्मद खान 1980 में कानपुर से सातवीं लोकसभा के लिए चुने गए. वह 8वीं, 9वीं और 12वीं लोकसभा के दौरान फिर से बहराईच निर्वाचन क्षेत्र से संसद सदस्य के रूप में चुने गए. खान की प्रशासनिक क्षमताओं को उनके मंत्रिस्तरीय कार्यकाल के दौरान राष्ट्रीय स्तर पर जाना गया. केंद्रीय कैबिनेट मंत्री के रूप में मोहम्मद खान ने 1989-90 के दौरान ऊर्जा और नागरिक उड्डयन मंत्रालय संभाला. इससे पहले, उन्होंने उपमंत्री, सूचना और प्रसारण (1982-83) और केंद्रीय राज्य मंत्री के रूप में भी काम किया था. उन्होंने कृषि (1983-84), ऊर्जा (1984 और) 1985-86), उद्योग और कंपनी मामले (1984-85) और गृह मामले (1985) जैसे मंत्रालय भी संभाले थे. 


एक प्रसिद्ध लेखक और स्तंभकार भी हैं


 मोहम्मद खान 1980-82 के दौरान केंद्रीय हिन्दी समिति के सदस्य थे संसद सदस्य के रूप में, उन्होंने सार्वजनिक उपक्रमों, गृह मामलों और विदेशी मामलों की संसदीय समितियों में काम किया. आरिफ मोहम्मद खान 2010 में प्रकाशित टेक्स्ट एंड कॉन्टेक्स्ट: कुरान एंड कंटेम्परेरी चैलेंजेज के लेखक हैं. वह धार्मिक सुधारों सहित विभिन्न मामलों पर एक प्रसिद्ध लेखक और स्तंभकार भी हैं. एक उत्सुक पाठक, विभिन्न विषयों पर उनके व्याख्यान देश भर के विश्वविद्यालयों और अन्य दर्शकों के बीच बहुत लोकप्रिय हैं. बड़े पैमाने पर यात्रा करने वाले खान ने 1982 में गुटनिरपेक्ष सूचना मंत्रियों के सम्मेलन और 1990 में विश्व आर्थिक मंच, स्विट्जरलैंड में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया था. वह 100वें मॉस्को आईपीयू सम्मेलन में भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य भी थे. 


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