आराः आपने अक्सर लोगों को यह कहते सुना होगा कि इंसानियत खत्म हो गई है, लेकिन आरा के इस मामले को जानकर आप यह कह उठेंगे कि अभी भी इस दुनिया इंसानियत बची है. आज भी ऐसे इंसान हैं जिसमें इंसान के साथ-साथ जानवरों के लिए भी इंसानियत बची हुई है. आरा में बुधवार की देर शाम कुछ ऐसी ही तस्वीर देखने को मिली. आरा शहर के टाउन थाना क्षेत्र के बड़ी मठिया स्थित एक बाइक के शोरूम के समीप से एक जख्मी बंदर को एक युवक ने ना सिर्फ इलाज कराया बल्कि उसे देखकर रोने भी लगी.
बताया जाता है कि अचानक हाईटेंशन विद्युत प्रवाहित तार की चपेट में आने से एक बंदर बुरी तरह झुलस गया और जमीन पर गिरकर तड़पने लगा. उसे देखने के लिए लोगों की काफी भीड़ जुट गई, लेकिन किसी ने उसे हाथ तक नहीं लगाया और वह तड़पता रहा. तभी एक युवक (राहगीर) ने उसे अपनी गोद में उठा लिया और रोते बिलखते उसे दिलासा देते हुए इलाज कराने के लिए आरा सदर अस्पताल लेकर चला आया. यहां बंदर का इलाज कराया गया. इलाज के दौरान युवक अपने हाथों से जख्मों पर मरहम लगाता दिखा.
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सदर अस्पताल से भेजा गया पशु चिकित्सालय
सदर अस्पताल में बंदर के दर्द को देखकर युवक रोता रहा, बंदर को अपने सीने लगाकर रखा रहा. रोते हुए यह कहता रहा कि अगर तुमको नहीं बचा पाया तो मैं जिंदा रहकर क्या करुंगा. सदर अस्पताल में ऑन ड्यूटी चिकित्सक ने प्राथमिक उपचार के बाद उसे बेहतर इलाज के लिए पशु चिकित्सालय भेज दिया. युवक यहां से रोते-बिलखते वापस सदर अस्पताल से पशु चिकित्सालय ले गया.
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