आरा: भोजपुर में संकट हरण पवनसुत हनुमान खुद संकट में फंस गए हैं. माता सीता की खोज में समुद्र लांघ जाने वाले हनुमान आज पुलिस की कैद में हैं. करीब 26 वर्षों से उनकी मूर्ति भोजपुर के कृष्णागढ़ थाने के माल खाने में पड़ी है. इतने सालों में उनको कोई जमानतदार तक नहीं मिल सका. सुनने में भले ही अटपटा लग रहा हो, लेकिन बात सौ प्रतिशत सच है.
दरअसल, मामला भोजपुर जिले के बड़हरा प्रखंड के गुंडी गाव स्थित श्री रंगनाथ स्वामी जी के मंदिर की है. यहां 1996 में चोरी हुई थी. तब चोरों ने भगवान श्री रामानुज स्वामी और हनुमान जी की अष्टधातु की कीमती मूर्ति चोरी कर ली थी. बाद में आरा के नगर थाना क्षेत्र के सिंगही गांव के बगीचा में हनुमान जी की मूर्ति बरामद कर ली गई, लेकिन रामानुज स्वामी जी भगवान की मूर्ति आज तक बरामद नहीं हो सकी. हनुमान जी की मूर्ति बरामदगी के बाद उनका मूल्यांकन लगभग 42 लाख रुपये किया गया. तब कोर्ट की ओर से मूर्ति की जमानत के लिए उतने रुपए का ही जमानतदार मांगा जा रहा था, लेकिन कोई भी इतने रुपए का जमानतदार बनने को तैयार नहीं हुआ.
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एक अदद जमानतदार का इंतजार में बजरंगबली
बाद में काफी प्रयास करने के बाद मूर्ति की सुरक्षा की गारंटी के बाद इसे थाने से रिलीज करने की बात आई. इसके लिए भी कोई तैयार नहीं हुआ है. इस कारण आज बजरंगबली की मूर्ति कृष्णा गढ़ थाने के माल खाने में कैद है. ऐसे में कहना गलत नहीं होगी कि प्रभु श्री राम के अनन्य भक्तों और अपने भक्तों को एक अदद जमानतदार का इंतजार है. इस संबंध में कृष्णागढ़ थानाध्यक्ष अरविंद कुमार ने बताया कि माल खाने में जब्त हनुमान जी की मूर्ति को रिलीज कराने के लिए आवेदन फ़ाइल करना होगा. इसके बाद पुलिस की और से जांच प्रतिवेदन समर्पित की जाएगी.
26 वर्षों से कैद में हनुमान जी को बाहर निकालेगा महावीर मंदिर
भोजपुर जिले के कृष्णागढ़ थाने में बीते 26 वर्षों से कैद हनुमान जी के धातु की मूर्ति को छुड़ाने के लिए अब पटना के महावीर मंदिर न्यास ने पहल की है. महावीर मंदिर न्यास के सचिव आचार्य कुणाल किशोर ने गुरुवार को भोजपुर पुलिस अधीक्षक से फोन पर बात कर जमानत की पेशकश की. मूर्ति को थाने से छुड़ाने के लिए कोर्ट से अनुमति लेनी होगी और जमानत की राशि 42 लाख रुपये जमा करना होगा. आचार्य कुणाल किशोर में हनुमान जी की मूर्ति वापस आने पर भोजपुर पुलिस की ओर से उनकी सुरक्षा सुनिश्चित होने पर जमानत का प्रस्ताव रखा है.
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