अरवल: अरवल के चकिया गांव में शनिवार की देर रात एक बार फिर से पीड़िता के घर में आग लगा दी गई. अपराधियों ने नए थानेदार को खुला चैलेंज देते हुए एक बार फिर से उसी घर को निशाना बनाया है जिसमें 29 नवंबर को जलाकर मां और बेटी की हत्या की गई थी. इसी घर में पहले भी घटना को अंजाम दिया था. इस घटना में केस के सूचक को जलाने की कोशिश की गई है. हालांकि किसी तरह जान बचाकर सूचक आरती देवी बाहर निकल गई. कुछ समय पहले रेप करने की कोशिश के विरोध में मां और बेटी को जिंदा जला दिया था. उसी के घरवालों पर हमला हुआ है.


मृतक की गोतनी पर हमला


मृतका की गोतनी आरती देवी ने बताया कि शनिवार की देर शाम दो अज्ञात लोगों द्वारा मेरे घर में रखे नेवारी में आग लगा दी गई. घटना के बाद आसपास के ग्रामीण मौके पर पहुंचे और आग पर काबू पाया. इधर, घटना के बाद पुलिस को फोन पर सूचना देने की कोशिश की गई, लेकिन थानेदार ने फोन नहीं उठाया. थाना से महज 500 मीटर की दूरी पर इतनी बड़ी घटना हुई. पुलिस एक घंटे बाद मौके पर पहुंची. इसके बाद ग्रामीणों का आक्रोश देखने को मिला. पीड़िता ने बताया कि दो अज्ञात व्यक्ति आग लगाकर भाग निकले अंधेरा होने की वजह से उसे नहीं देख पाए.


29 नवंबर को मां-बेटी को लगाई थी आग


इधर, घटना की जानकारी मिलने के बाद सहायक पुलिस अधीक्षक रोशन कुमार परासी थाना अध्यक्ष दुर्गानंद मिश्रा सदर थाना अध्यक्ष शंभू पासवान अपने दल बल के साथ मौके पर पहुंचे घटना की जांच में जुट गए. बता दें कि 29 नवंबर को दुष्कर्म में असफल होने के बाद अपराधी ने घर में आग लगा दी थी जिसमें झुलस कर मां सुमन देवी और सात साल की बेटी श्रद्धा कुमार की इलाज के दौरान मौत हो गई थी. इस घटना ने पूरे बिहार को झकझोर कर रख दिया और विभिन्न दलों के नेता पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे थे. फिर से अपराधियों ने घर को निशाना बनाया है.