असदुद्दीन ओवैसी ने क्यों लिया ब्राह्मण और यादवों का नाम? CM नीतीश कुमार को लेकर कह दी बड़ी बात
Asaduddin Owaisi in Kishanganj: असदुद्दीन ओवैसी मुस्लिम बहुल सीमांचल के किशनगंज लोकसभा क्षेत्र में प्रचार कर रहे हैं. पढ़िए किशनगंज में उन्होंने क्या कुछ कहा है.
Asaduddin Owaisi: एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सोमवार (22 अप्रैल) को किशनगंज के डगरुआ में जनसभा को संबोधित किया. मुस्लिम बहुल सीमांचल के किशनगंज लोकसभा क्षेत्र में वह प्रचार कर रहे हैं. किशनगंज में मुस्लिमों की आबादी 68 फीसद है. ऐसे में किशनगंज से पार्टी के प्रत्याशी अख्तरुल ईमान (विधायक सह प्रदेश अध्यक्ष) के लिए ओवैसी ने पूरी ताकत झोंक दी है. सभा के दौरान वो सीएम नीतीश कुमार और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर खूब बरसे.
'नीतीश कुमार का टाइम गया...'
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि आज नीतीश कुमार की भी किशनगंज में सुबह में सभा थी. वह अब तक आए नहीं क्योंकि हमारी रैली में भीड़ है. नीतीश कुमार का टाइम गया. वह घर पर आराम करें. उन्होंने लोगों से कहा कि किशनगंज से पार्टी के प्रत्याशी अख्तरुल ईमान को जिताएं. सीमांचल के लिए उन्होंने अपना सब कुछ कुर्बान किया. यहां की आवाज उठाते रहे हैं. 26 को वोटिंग है. उनके पक्ष में वोट करिए.
आगे ओवैसी ने कहा कि अररिया से तस्लीमुद्दीन के बेटे शाहनवाज आलम आरजेडी से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं. 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में उन्होंने हमको फोन किया था कि कोई टिकट नहीं दे रहा मुझे, आप दीजिए. मैंने टिकट दिया. जिताने के लिए हमने ताकत लगा दी. वह जीते भी, लेकिन आरजेडी में चले गए. मरहूम तस्लीमुद्दीन का हम सम्मान करते हैं इसलिए उनके बेटे के खिलाफ अररिया में हम उम्मीदवार नहीं दे रहे हैं. किशनगंज में बिजली, पानी नहीं है. डिग्री कॉलेज कई जगह नहीं है. अस्पताल में डॉक्टर नहीं हैं. सीमांचल का ख्याल न आरजेडी की सरकार ने रखा न नीतीश की सरकार ने.
'ब्राह्मण और यादवों को मिलीं काफी नौकरियां'
असदुद्दीन ओवैसी ने सभा में आए लोगों से कहा कि किशनगंज से आपने कांग्रेस के मोहम्मद जावेद को सांसद बनाकर दिल्ली भेजा था. उन्होंने किशनगंज के लिए कुछ नहीं किया. यहां के सांसद कहते हैं कि डेढ़ लाख किलोमीटर वह पिछले पांच साल में चले हैं. झूठ बोल रहे हैं. वह तो क्षेत्र में नजर नहीं आते. जब तक संवैधानिक दर्जा नहीं मिलेगा सीमांचल को तब तक विकास नहीं होगा. बिहार में जातीय गणना हुई. मुस्लिम 17 फीसद हैं. सबसे कम नौकरी मुस्लिमों को मिली. ब्राह्मण और यादवों को काफी नौकरियां मिलीं, जबकि उनकी आबादी मुसलमानों से कम है. मुस्लिमों के साथ ऐसा क्यों किया गया? तेजस्वी, नीतीश और मोदी जवाब दें.
26 अप्रैल को किशनगंज में वोटिंग
बता दें कि सीमांचल के तीन जिले किशनगंज, पूर्णिया और कटिहार में 26 अप्रैल को वोटिंग है. दूसरे चरण में किशनगंज में सिर्फ एआईएमआईएम लड़ रही है. त्रिकोणीय मुकाबला है. एनडीए से जेडीयू के प्रत्याशी मास्टर मुजाहिद आलम हैं. महागठबंधन से कांग्रेस प्रत्याशी मोहम्मद जावेद हैं जो मौजूदा सांसद भी हैं.
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