(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
ASER Report 2022: एक से 8वीं तक के 71 फीसद बच्चे लेते हैं ट्यूशन, देश भर में बिहार का हाल क्या है?
Annual Status of Education Report: सरकारी और प्राइवेट दोनों स्कूलों के बच्चों की स्थिति यही है. बिहार में 2014 में भी 50 फीसद से अधिक बच्चे ट्यूशन पर निर्भर रहते थे.
ASER Report News: असर (ASER) रिपोर्ट 2022 जारी हो चुका है. रिपोर्ट में चौंकाने वाली चीजें सामने आईं हैं. राज्यभर के एक से आठवीं कक्षा तक के 71.7 फीसदी स्कूली बच्चे प्राइवेट ट्यूशन करते हैं. इतना ही नहीं बल्कि हर साल बढ़ोतरी हो रही है. सबसे बड़ा सवाल है कि देश में बिहार की स्थिति क्या है? बिहार किस स्थान पर है? एएसईआर (ASER) रिपोर्ट के अनुसार देशभर में बंगाल के बाद बिहार दूसरा राज्य है जहां के बच्चे सबसे ज्यादा निजी ट्यूशन पर निर्भर हैं.
सरकारी और प्राइवेट दोनों की एक स्थिति
रिपोर्ट के अनुसार प्राइवेट स्कूल के साथ-साथ यह स्थिति सरकारी स्कूलों के बच्चों की भी है. असर रिपोर्ट 2022 के अनुसार, प्राइवेट और सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले एक से आठवीं तक के 71.7% बच्चे ट्यूशन करते हैं. अगर बात प्राइवेट और सरकारी स्कूल की अलग-अलग करें तो राज्य में प्राइवेट स्कूल के 71.6% और सरकारी स्कूल के 72.4% बच्चे ट्यूशन कर सिलेबस पूरा करते हैं.
सर्वे में पहले भी आ चुकी हैं ये बातें
रिपोर्ट की मानें तो बिहार में यह स्थिति कोई 2022 की नहीं हैं बल्कि 2014 में भी 50 फीसद से अधिक बच्चे ट्यूशन पर ही निर्भर रहते थे. यह सर्वे राज्यभर के 38 जिलों के 1101 स्कूलों के 40,124 बच्चों पर किया गया है. इसमें एक से आठवीं तक के बच्चे शामिल हुए थे. इन बच्चों में 30 हजार से अधिक बच्चे स्कूल की पढ़ाई के साथ-साथ ट्यूशन भी करते हैं. बंगाल में एक से आठवीं तक के 74.2 फीसद बच्चे ट्यूशन करते हैं.
देश के हाल पर रिपोर्ट के अनुसार कक्षा तीन 10 फीसद बच्चे 1-9 अंक नहीं पचान पाए. लड़कों की अपेक्षा लड़कियां ज्यादा काबिल हैं. गुजरात में निजी ट्यूशन चार साल में पांच फीसद घटे. मध्य प्रदेश में चार फीसद बढ़े हैं.
यह भी पढ़ें- Mission 2024: 'मेरी अपनी कोई ख्वाहिश नहीं', BRS की मेगा रैली में नहीं बुलाए जाने पर बोले सीएम नीतीश कुमार