Ashok Choudhary: बिहार की राजनीति में जेडीयू के मंत्री अशोक चौधरी इन दिनों काफी चर्चा में हैं. कहा जा रहा है कि पार्टी में अशोक चौधरी का अनबन चल रहा है. मंगलवार को सोशल मीडिया 'एक्स' पर उन्होंने एक कविता पोस्ट किया है. इससे अनबन की चर्चा को और हवा मिल गई. वहीं, अशोक चौधरी के इस पोस्ट के बाद उन्हें सीएम हाउस तलब कर लिया गया. आनन-फानन में अशोक चौधरी सीएम आवास पहुंचे. वहां डेढ़ घंटे तक वे रहे.


वहीं, इस सियासी घटनाक्रम को लेकर बिहार में राजनीति गरमाई हुई है. इस पर अशोक चौधरी ने कहा कि हर किसी की अपनी अपनी सोच है. कुछ लोग एक ही ग्लास को आधा भरा तो कोई आधा खाली देखता है. 


अशोक चौधरी ने एक्स पर क्या लिखा? 


अशोक चौधरी ने 'एक्स' पर लिखा कि 'बढ़ती उम्र में इन्हें छोड़ दीजिए. एक दो बार समझाने से यदि कोई नहीं समझ रहा है तो सामने वाले को समझाना, छोड़ दीजिए. बच्चे बड़े होने पर वो ख़ुद के निर्णय लेने लगे तो उनके पीछे लगना, छोड़ दीजिए. गिने चुने लोगों से अपने विचार मिलते हैं, यदि एक दो से नहीं मिलते तो उन्हें, छोड़ दीजिए. एक उम्र के बाद कोई आपको न पूछे या कोई पीठ पीछे आपके बारे में गलत कह रहा है तो दिल पर लेना, छोड़ दीजिए. अपने हाथ कुछ नहीं, ये अनुभव आने पर भविष्य की चिंता करना, छोड़ दीजिए.'


'यदि इच्छा और क्षमता में बहुत फर्क पड़ रहा है तो खुद से अपेक्षा करना, छोड़ दीजिए. हर किसी का पद, कद, मद, सब अलग है इसलिए तुलना करना, छोड़ दीजिए. बढ़ती उम्र में जीवन का आनंद लीजिए, रोज जमा खर्च की चिंता करना, छोड़ दीजिए. उम्मीदें होंगी तो सदमे भी बहुत होंगे, यदि सुकून से रहना है तो उम्मीदें करना, छोड दीजिए.'






मामले में अशोक चौधरी का आया बयान


अशोक चौधरी ने कहा कि नीतीश कुमार को अपना मानस पिता मानते हैं. राजनीति में सबसे ज्यादा किसी ने मुझे सम्मान दिया वो नीतीश कुमार हैं. दिन रात में नीतीश कुमार और जेडीयू के लिए मेहनत कर रहा हूं. बिना सदन के सदस्य रहे मुझे नीतीश कुमार ने दो-दो बार 6 महीने तक मंत्री बनाए रखे. 1952 के बाद पहली बार हुआ होगा जब किसी दलित नेता को बिना सदन के सदस्य रहते हुए मंत्री पद दिया गया होगा.


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