(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
'लालू के आशीर्वाद से नीतीश CM', भाई वीरेंद्र के इस बयान पर JDU भड़की, अशोक चौधरी ने दिया जवाब
Ashok Choudhary Attack on Bhai Virendra: अशोक चौधरी ने कहा कि भाई वीरेंद्र की भाषा हम लोगों के गले से कतई नीचे नहीं उतर रहा है. हर पार्टी अपनी सुविधा को देखकर गठबंधन करता है.
पटना: बिहार की राजनीति में इन दिनों 'आशीर्वाद' की बात हो रही है. आरजेडी के प्रवक्ता और विधायक भाई वीरेंद्र (Bhai Virendra) ने सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) को लेकर यह बयान दिया और इस पर सियासत जारी है. भाई वीरेंद्र के बयान पर कि लालू यादव (Lalu Yadav) के आशीर्वाद से नीतीश कुमार सीएम हैं इस पर जेडीयू ने पलटवार किया है. भवन निर्माण मंत्री और नीतीश कुमार के काफी करीबी माने जाने वाले नेता अशोक चौधरी (Ashok Choudhary) ने मुख्यमंत्री को विकास पुरुष बताया है.
भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी मंगलवार (16 जनवरी) की शाम फतुहा पहुंचे थे. वहां एक कार्यक्रम के बाद पत्रकारों ने भाई वीरेंद्र के बयान को लेकर सवाल कर दिया. जवाब देते हुए अशोक चौधरी ने कहा, "ये गलत बात है. भाई वीरेंद्र की भाषा हम लोगों के गले से कतई नीचे नहीं उतर रही है. हर पार्टी अपनी सुविधा को देखकर गठबंधन करता है. अपनी विचारधारा को देखकर करता है."
'नीतीश कुमार ने नहीं की जाति-धर्म की राजनीति'
जेडीयू मंत्री अशोक चौधरी ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 18 वर्षों में किसी जाति और किसी धर्म की राजनीति नहीं की है. नीतीश कुमार ने बिहार के विकास की राजनीति की है. उन्होंने कहा कि एक बिहार कभी 26 हजार करोड़ का था जो आज 2 लाख 68 हजार करोड़ का हो गया है. ये हमारे नेता नीतीश कुमार का कमाल है.
भाई वीरेंद्र ने कब क्या कहा था?
आरजेडी विधायक भाई वीरेंद्र ने मकर संक्रांति के दिन सोमवार को बयान दिया था. कहा था कि उनके 79 विधायक हैं तो इस लिहाज से वे बड़े भाई हुए. नीतीश कुमार लालू यादव के आशीर्वाद से ही मुख्यमंत्री हैं. भाई वीरेंद्र के इसी बयान पर अशोक चौधरी ने जवाब दिया है.
बीजेपी ने भी नीतीश कुमार पर बोला हमला
बता दें कि उधर बीजेपी नेता और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने भी मंगलवार को बयान जारी करते हुए नीतीश कुमार पर हमला किया है. कहा कि 2020 में नीतीश कुमार 75 विधायकों वाली भारतीय जनता पार्टी की कृपा से मुख्यमंत्री बने थे, जबकि उनकी पार्टी के पास सिर्फ 44 विधायक थे. वे पहली बार 2001 में भी 67 विधायकों वाली बीजेपी की कृपा से मुख्यमंत्री बने थे. उस समय उनकी पार्टी के 37 विधायक थे.
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