Ashok Mahato: एनडीए में बिहार की सीटों के बंटवारे के बाद सूबे की राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है. बिहार की हॉट सीटों पर प्रत्याशी को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं. ऐसे में कई सीटों पर दावेदारी को लेकर चेहरे सामने आने लगे हैं. इनमें मुंगेर लोकसभा सीट का नाम सबसे ऊपर है. इस सीट से अभी जेडीयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंंह सांसद हैं. वहीं, अशोक महतो ने आरजेडी से इस सीट पर दावा ठोक दिया है. एबीपी न्यूज़ के संवाददाता से बात करते हुए अशोक महतो ने सोमवार को बताया कि अपनी पत्नी को ही चुनाव के मैदान में उतारेंगे और कल शादी भी करेंगे.


उन्होंने कहा कि चुनाव लड़ने के लिए पहला विकल्प पत्नी है और दूसरा विकल्प भतीजा है. लालू यादव आरजेडी से जब उनके नाम का एलान कर देंगे. इसके बाद सभी जानकारी दी जाएगी.


कौन हैं अशोक महतो?


बिहार में कभी अशोक महतो गिरोह काफी सक्रिय था. उसका नेतृत्व अशोक महतो ने किया था और इसमें पिंटू महतो भी शामिल था. अशोक महतो और उसका गिरोह 2005 में मौजूदा लोकसभा सदस्य राजो सिंह की हत्या के लिए जिम्मेदार माना गया. अशोक महतो को जेल भेजा गया, लेकिन 2002 में वह नवादा जेल से भाग गया. जेल से भागने के दौरान पिंटू महतो ने तीन पुलिस अधिकारियों की हत्या कर दी. कहा जाता है कि गिरोह के नेता कुर्मी या कोइरी जाति से रहा करते थे. इस गिरोह को नालंदा, नवादा और शेखपुरा क्षेत्रों में पिछड़ी जातियों का समर्थन प्राप्त था.


1990 के दशक के अंत में बड़ी संख्या में अगड़ी जाति के लोगों की हत्या के लिए महतो और उसका गिरोह जिम्मेदार था. महतो और गैंगस्टर अखिलेश सिंह के बीच प्रतिद्वंद्विता ने बिहार के नवादा, नालंदा और शेखपुरा जिला के 100 से अधिक गांवों को प्रभावित किया था.


'खाकी द बिहार चैप्टर'


आईपीएस अधिकारी अमित लोढ़ा की किताब पर आधारित वेब सीरीज 'खाकी द बिहार चैप्टर' अशोक महतो से जुड़ा हुआ था. हालांकि इस वेब सीरीज का अशोक महतो के समर्थकों ने विरोध भी किया और कहा है कि इस सीरीज में कुछ कहानी गलत भी है.


स्वागत की थी चर्चा


इधर, पकरीबरावां प्रखंड क्षेत्र के बढ़ौना गांव निवासी अशोक महतो उर्फ साधू जी 17 दिसंबर को भागलपुर कारा से रिहा होने के बाद अपने पैतृक घर बढ़ौना देर शाम सैकड़ों समर्थकों के साथ पहुंचे तो समर्थकों ने चातर मोड़ और बढ़ौना मोड़ पर गाड़ियों के काफिले के साथ उनका स्वागत किया.


जहानाबाद जेल ब्रेक कांड में मिल चुकी है सजा


बता दें कि 52 साल के अशोक महतो ने अभी तक शादी नहीं की है, लेकिन अब वह मंगलवार को शादी की बंधन में बंधने जा रहे हैं. वहीं, जहानाबाद जेल ब्रेक कांड में अशोक महतो को कोर्ट ने दोषी करार दिया था और फिर उन्हें सजा दी थी. जब दोषी करार होते हैं और सजायाफ्ता हो जाते हैं तो चुनाव लड़ने से वंचित हो जाते हैं. अशोक महतो खुद चुनाव नहीं लड़ सकते हैं इसलिए शादी करके अपनी पत्नी को चुनाव के मैदान में उतारेंगे. 


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