Ramcharitmanas: स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर भड़के अश्विनी चौबे, कहा- उनके माता-पिता ने गलती कर दी
Ramcharitmanas Controversy: स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस को लेकर बयान दिया है. इसी पर अश्विनी चौबे ने पलटवार किया है. वह सोमवार को दिल्ली से पटना पहुंचे थे.
पटना: बिहार के शिक्षा मंत्री (Bihar Education Minister) चंद्रशेखर (Chandrashekhar) ने रामचरितमानस (Ramcharitmanas) पर विवादित बयान देते हुए कहा था कि इसकी कुछ पंक्ति नफरत फैलाने वाली है. इसको लेकर पूरे देश में हंगामा मच गया था. हालांकि शिक्षा मंत्री का बयान बिहार में ठंडा हो चुका है, लेकिन उत्तर प्रदेश में इस मामले ने तूल पकड़ लिया है. सोमवार को केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे (Ashwini Kumar Choubey) ने यूपी के एमएलसी और समाजवादी पार्टी के पिछड़ा समाज से आने वाले वरिष्ठ नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) पर पलटवार किया.
स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने इतना तक कह दिया कि उनके इनके माता-पिता ने गलती कर दी. नाम के आगे स्वामी रख दिया. सोमवार को अश्विनी चौबे दिल्ली से पटना पहुंचे थे. पत्रकारों के सवाल का वो जवाब दे रहे थे. पत्रकारों ने पूछा कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस पर फिर विवादित बयान दिया है. इस पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उनका तो बैंड बज जाएगा. स्वामी शब्द मर्यादित शब्द है. उनके नाम से हटा देना चाहिए.
'ऐसे लोगों का बहिष्कार होना चाहिए'
अश्विनी चौबे ने आगे हमला करते हुए कहा कि रामचरितमानस ग्रंथ का जिस प्रकार से विरोध हो रहा है यह पूरी तरह साजिश के तहत षड्यंत्र रच के समाज को तोड़ने का काम किया जा रहा है. ऐसे लोग समाज विरोधी हैं जो गंदी बातें करके इस तरह से समाज को दूषित कर रहे हैं. कहा कि ऐसे लोगों का समाज में बहिष्कार होना चाहिए जो रामचरितमानस जैसे धर्म पर गंदी और ओछी बातें करते हैं.
स्वामी प्रसाद मौर्य ने क्या कहा था?
उत्तर प्रदेश के एमएलसी और समाजवादी पार्टी के पिछड़ा समाज से आने वाले बड़े नेता के रूप में पहचान रखने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य ने यह बयान दिया है कि ऐसे धर्म का सत्यानाश हो जो हमारा सत्यानाश करना चाहते हैं. स्वामी प्रसाद मौर्य एक चैनल से बातचीत कर रहे थे. कहा था कि धर्म कोई भी हो हम उसका सम्मान करते हैं, लेकिन धर्म के नाम पर जाति विशेष वर्ग को अपमानित करने का काम किया गया है. हम उस पर आपत्ति दर्ज करते हैं.
उन्होंने कहा था कि रामचरितमानस में एक चौपाई लिखी गई है जिसमें तुलसीदास शूद्रों को अधम जाति का होने का प्रमाण दे रहे हैं. उन्होंने लिखा है कि ब्राह्मण भले ही दुराचारी अनपढ़ और गंवार हो लेकिन वह ब्राह्मण है तो उसे पूजनीय बताया गया है, लेकिन शूद्र कितना भी ज्ञानी विद्वान हो उसे सम्मान मत करिए. उन्होंने सवाल उठाया है कि क्या यही धर्म है? अगर यही धर्म है तो ऐसे धर्म को मैं नमस्कार करता हूं. ऐसे धर्म का सत्यानाश हो जो हमारा सत्यानाश चाहते हैं.
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