Atiq Ahmed Killed: अतीक के समर्थन में लगे नारे पर भड़की BJP, विजय सिन्हा बोले- ये शहीदों का अपमान है, गिरफ्तारी हो
BJP Reaction: नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने अतीक अहमद मामले को लेकर शुक्रवार को जमकर नीतीश सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि ये तुष्टिकरण नीति का ही परिणाम है.
पटना: राजधानी पटना में माफिया अतीक अहमद (Atiq Ahmed Killed) के पक्ष में शुक्रवार (21 अप्रैल) को लगे नारे पर बिहार की राजनीति गरमा गई है. इसको लेकर नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा (Vijay Kumar Sinha) ने शुक्रवार को महागठबंधन सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने अपने संबोधन में 'अतीक जी' कहा. जेडीयू, आरजेडी (RJD) और महागठबंधन के लोगों ने अतीक के द्वारा विधायक राजू पाल और उमेश पाल की हत्या कराने पर पहले कभी शोक संवेदना व्यक्त नहीं की. यह महागठबंधन सरकार की तुष्टिकरण नीति का ही परिणाम है. आतंकवादी अतीक को शहीद कहने वाले लोगों ने इस देश के लाखों शहीदों का अपमान किया है.
महागठबंधन पर साधा निशाना
विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि पुलिस सुरक्षा कर्मी की मौजूदगी में देश के प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की भी हत्या कर दी गई थी. अतीक के मामले में संविधान की हत्या का आरोप लगाने वालों को यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि क्या प्रधानमंत्री और पूर्व प्रधानमंत्री की पुलिस सुरक्षा में हत्या मामले में संविधान की क्या भूमिका थी? पूर्ववर्ती सरकारों के कार्यकाल के ऐसे सैकड़ों मामले हैं, जिसमें पुलिस की मौजूदगी में लोगों की सरेआम हत्या कर दी गई लेकिन अब जानबूझकर राजनीतिक फायदे के लिए वर्तमान सरकार पर दोषारोपण किया जा रहा है.
'कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भी दिया था बयान'
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि प्रयागराज इलाके का यह दबंग सभी वर्गों का जमीन और मकान कब्जा कर लेता था. देश को याद है कि किस प्रकार कांग्रेस के नेता दिग्विजय सिंह ने आतंकी ओसामा बिन लादेन को अमेरिका द्वारा मार गिराए जाने के बाद 'ओसामा जी' कहकर संबोधित किया था. ये इन लोगों का पुराना इतिहास रहा है. देश में अल्पसंख्यक के वोट लेने के चक्कर में सही गलत का फर्क करना ये भूल गए हैं.
नारा लगाने वालों पर हो कार्रवाई- विजय कुमार सिन्हा
बीजेपी नेता ने कहा कि बिहार पुलिस को शीघ्र अतीक अहमद के पक्ष में नारा लगाने वालों पर कार्रवाई करनी चाहिए. यह मामला संवेदनशील एवं गंभीर है. ऐसे ही तत्व सासाराम और राजगीर में हिंसा आगजनी और दूसरे समुदाय के लोगों की हत्या के लिए उकसाते हैं और साम्प्रदायिकता के आधार पर घृणा-द्वेष फैलाकर अपना धंधा चमकाते हैं.
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