Aurangabad News: "बिहार का चितौडगढ़" (Chittorgarh of Bihar) कहा जाने वाला औरंगाबाद (Aurangabad), बिहार (Bihar) के प्रमुख इतिहास महत्व का जिला रहा है. हमेशा से ये जिला बिहार में राजपूतों का प्रतिनिधित्व करने के लिए जाना जाता रहा है. बिहार के दक्षिणी भाग में स्थित ये जिला मगध मंडल (Magadh Commissionary) के अंतर्गत आने वाले प्रमुख बड़े जिलों में है. हालांकि ये जिला भी राज्य के नक्सल प्रभावित जिलों में रहा है.
इतिहास
- मगध मंडल के औरंगाबाद जिले का इतिहास के मध्य काल से जुड़ा है. यहां मौर्य, गुप्त और गदावादला वंश का प्रतिनिधित्व रहा है.
- इस जिले का जुड़ाव राजस्थान (Rajasthan) के राजपूतों प्रवासियों से भी रहा है. पवर, माली और चंदनगढ़ में मिलने वाले अवशेष इस बात के पुख्ता प्रमाण हैं.
- ब्रिटिश काल के दौरान कुवंर सिंह (Kunwar Singh ) को यहां के देव, कुटुम्बा , माली, पवई, चंद्रगढ़, और सिरिस जमींदार से हमेशा सहयोग मिलता रहा था.
- स्वतंत्रता के बाद से ही इस जिले ने हमेशा राजपूत प्रतिनिधि चुना है. 1952 के बाद 'छोटे साहब' कहे जाने वाले सत्येंद्र नारायण सिंह यहां का प्रतिनिधित्व करते रहे हैं.
आबादी
- पहले औरंगाबाद गया जिले का हिस्सा हुआ करता था, 26 जनवरी 1973 को इसे गया से अलग करके जिला बनाया गया.
- 2011 के जनगणना के अनुसार औरंगाबाद जिले की कुल आबादी 25,40,073 हैं. कुल आबादी में से 13,18,684 पुरुष और 12,21,389 महिला हैं.
- जिले की जनसंख्या वृद्धि दर 26.18 फीसदी है. यहां प्रति किमी 769 लोग रहते हैं. लिंग अनुपात की बात करें तो एक हजार पुरुषों पर यहां 926 महिलाएं हैं.
- औरंगाबाद जिले की साक्षरता दर 70.32 फीसदी है. जिसमें पुरुष साक्षरता दर 80.11 फीसदी और महिला साक्षरता दर 59.11 फीसदी है.
क्षेत्र (Area)
- औरंगाबाद जिले का कुल क्षेत्रफल 3,305 वर्ग किमी है. औरंगाबाद जिले के अंतर्गत दो अनुमंडल औरंगाबाद और दाऊदनगर हैं.
- यहां कुल 11 प्रखंड औरंगाबाद, बारुन, मदनपुर, नवीनगर, ओबरा, हसपुरा, रफीगंज, देव, कुटुम्बा, दाउदनगर और गोह हैं. 202 पंचायतों वाले इस जिले में कुल 1,884 गांव आते हैं.
भाषा
- गया का हिस्सा रहे इस जिले की प्रमुख भाषा मगही और हिंदी है. इसके अलावा रोहतास से लगे कुछ क्षेत्रों में यहां भोजपुरी भी बोली जाती है.
नदी
- सोन औरंगाबाद जिले के पश्चिम में स्थित प्रमुख नदी है. इसके अलावा आदिरी नदी, पुनपुन नदी, औरंगा, बटाणे, मोहर और मदर जिले की नदियां हैं. पुनपुन नदी जिले के मध्य से होकर जाती है.
धार्मिक स्थल
- औरंगाबाद जिले के देव का सूर्य मंदिर बिहार के महापर्व छठ से जुड़ा है. इस मंदिर का निर्माण चंद्रवंशी राजा भैरेंद्र सिंह ने 15वीं शताब्दी में कराया था.
- इसके अलावा जहानाबाद की सीमा से लगा देव कुंड का शिव मंदिर प्राचीन है.
- जिले में अमझर शरीफ मुस्लिमों का प्रमुख तीर्थ स्थल है. मुस्लिम संत हजरत सैयादाना मोहम्मद जिलानी अमझरी कादरी की मजार है. जून के पहले हफ्ते में यहां बड़ी संख्या में मुसलमान इकट्ठा होते हैं.
अर्थव्यवस्था
- औरंगाबाद जिला कृषि प्रधान जिला है. यहां की प्रमुख फसलें चावल, गेहू, ग्राम, मशुर और रेपसीड हैं.
- इसके अलावा नबीनगर स्थित एनटीपीसी बिजली उत्पादन का केंद्र है. औरंगाबाद सीमेंट उत्पादन का भी उत्पादन होता है. जबकि जिले में कालीन, कंबल और ब्रासवेयर भी तैयार किए जाते हैं.
ट्रांसपोर्ट
- औरंगाबाद देश के प्रमुख हाईवे राष्ट्रीय राजमार्ग 02 (ग्रांड ट्रंक रोड) से जुड़ा है. इसके अलावा राष्ट्रीय राजमार्ग 98 भी औरंगाबाद से होकर गुजरा है.
- इसके अलावा अनुग्रह नारायण रोड रेलवे स्टेशन द्वारा रेल मार्ग से जुड़ा है. हालांकि यहां सबसे निकटतम हवाई अड्डा पटना में औरंगाबाद से 61 किमी की दूरी पर है.
स्कूल कॉलेज
- औरंगाबाद के प्रमुख स्कूलों में बभंडी जोगिया का केंद्रीय विद्यालय और बारुन का जवाहर नवोदय विद्यालय है.
- जिले के प्रमुख कॉलेजों में साहपुर का राम लखन सिंह यादव कॉलेज और अदरी नदी के पास सच्चिदानंद सिन्हा कॉलेज है.
मशहूर
- औरंगाबाद के पीरु में प्राचीन काल से प्रीतिकुला नाम से जाना जाता है जो लेखक बाणभट्ट का जन्म स्थान है. सिरिस में औरंगजेब द्वारा निर्मित एक मस्जिद है.
- औरंगाबाद का लगातार सात बार संसद में प्रतिनिधित्व करने वाले सत्येंद्र नारायण सिंह बिहार के पहले उपमुख्यमंत्री हुए. इसके अलावा वे बिहार के मुख्यमंत्री भी रहे.
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