Bageshwar Dham: पांच दिवसीय दौरे पर बाबा बागेश्वर बिहार के गोपालगंज में आए हुए हैं. आज शनिवार को उनके हनुमंत कथा का तीसरा दिन है और आज दिव्य दरबार लगा है. आज वो भक्तों की पर्ची भी निकालेंगे. वहीं रामनगर स्थित रामजानकी मठ परिसर में कथा के बीच शुक्रवार को धीरेंद्र शास्त्री भावुक हो गए.
हनुमान कथा के दौरान उमड़ी लोगों की भीड़
हनुमान कथा के दौरान बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर ने मौके पर उपस्थित श्रद्धालुओं से भोजपुरी भाषा में कहा, कैसे हो, सब ठीक तो है? मैं भी ठीक हूं. इस दौरान बागेश्वर बाबा ने कहा कि बिहार आकर हम ऊर्जा से भर जाते हैं. उन्होंने यह भी कहा, 'हमें मंदिरों में भीड़ और सड़कों पर तूफान चाहिए. हमें रामराज्य से भरा भारत चाहिए. जब सभी हिंदू जातिवाद छोड़कर एक हो जाएंगे, तभी भारत हिंदू राष्ट्र कहलाएगा.
रोते हुए उन्हें अपने पुराने दिन याद आ गए. उन्होंने कहा, 'हमारे पिताजी को शादी में कोई नहीं बुलाता था. परिवार ने शादी के कार्ड पर पिता का नाम तक नहीं लिखते थे, क्योंकि हम गरीब थे. अगर फटे कपड़े पहनकर जाएंगे तो उनकी इज्जत चली जाएगी.'
उन्होंने कहा, "हमारी मां कहती थी, राम को कभी मत छोड़ना, हमारे भी दिन आएंगे. जब भगवान राम हम जैसे साधारण व्यक्ति को आशीर्वाद दे सकते हैं, तो तुम्हें भी राम के पैर पकड़ लेने चाहिए." साथ ही पंडाल में उमड़ी भीड़ को देखते हुए उन्होंने कहा कि ओह पागले, टीन शेड मत तोड़ दियो. आराम से कथा सुनिए. बड़ा गरीबी से टिन शेड लगाया गया है. यह भीड़ इसलिए है क्योंकि यहां दिव्य दरबार लगा है.
'गरीब सिर्फ ताली बजाने के काम आते हैं'
धीरेंद्र शास्त्री ने आगे कहा कि 'दुनिया में सम्मान उन्हीं को मिलता है जो मशहूर, अमीर या नेता होते हैं. मंच पर वही चढ़ते हैं जो अमीर होते हैं. गरीब सिर्फ ताली बजाने के काम आते हैं. साधारण व्यक्ति की कोई परवाह नहीं करता, जो बड़े होते हैं उनकी ही फोटो खींचती है.
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