पटना: नौबतपुर के तरेत पाली में आयोजित हनुमंत कथा के तीसरे दिन आज सोमवार (15 मई) को बाबा बागेश्वर (Baba Bagehswar) ने दिव्य दरबार (Divya Darbar) लगाया है. पहले खबर थी और कहा गया था कि भीड़ को देखते हुए इसे रद्द किया जा रहा है. अब अचानक दोपहर में दिव्य दरबार सज गया है.
दिव्य दरबार शुरू करने से पहले बाबा बागेश्वर ने कहा कि पूछना वही जो तुम सुन पाओ. हम बताने को बाध्य हैं. हमें जो प्रेरणा लगेगी हम बताएंगे, लेकिन पूछना वही जो तुम सुन पाओ. ऐसा कोई है नहीं जिसने कांड न किया हो. न तुम सोते हुए नाग को जगाना और न तुम अपनी बेइज्जती करवाना. हमारे हनुमान जी ने ये शक्ति प्रदर्शन के लिए नहीं दी है बल्कि ये इसलिए दी कि जो कहते हैं भगवान नहीं होते हैं, संत और महात्मा पाखंडी होते हैं उनके मुंह पर तमाचा लगे. उसके लिए यह शक्ति बालाजी ने दी है. सनातन धर्म के झंडा को गाड़ने के लिए बागेश्वर बालाजी ने यह शक्ति दी है.
'जैसे भी हैं हनुमान जी के चरणों के दास हैं'
धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि एक दिन ऐसा होगा कि भारत में रहना होगा तो सीता राम ही कहना होगा. हम मानेंगे ही नहीं चाहे हमारे प्राण चले जाएं, जब तक हम भारत में राम राज्य की स्थापना का संकल्प पूरा नहीं करेंगे हम काम और सेवा करते ही रहेंगे. हम नहीं बदलेंगे चाहे जो हो जाए. जो हमसे हनुमान जी करवाएंगे वही करेंगे. करने वाले तो वही हैं. हम तो नालायक आदमी हैं. बहुत ही मुर्ख और निकम्मा हैं लेकिन जैसे भी हैं हनुमान जी के चरणों के दास हैं.
धीरेंद्र शास्त्री ने दरबार में आए भक्तों से कहा कि बिहार के पागलों अब तुम्हें रोना नहीं पड़ेगा. अब तुम्हें जगह-जगह भटकना नहीं पड़ेगा तो हमारी एक बात को मान लो. आज के बाद घर पर ओम बागेश्वराय नमः का जाप करना शुरू कर दो. घर के बाहर झंडा लगाओ और आपको बागेश्वर धाम आने की भी आवश्यकता नहीं है. घर पर ही बागेश्वर धाम है. हमारे नाम से मिलने के लिए किसी प्रकार का शुल्क या दक्षिणा न दें. दरबार निशुल्क था और है.
बता दें कि रविवार (14 मई) की शाम बाबा बागेश्वर ने कहा था कि भीड़ को देखते हुए दिव्य दरबार को कैंसिल करना ही ठीक रहेगा. कई लोगों की तबीयत खराब हो गई थी. उन्होंने लोगों से टीवी और सोशल मीडिया पर ही कथा को सुनने के लिए कहा था. आज सोमवार को अचानक दरबार सज गया.
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